India Vs China / भारतीय सेना अलर्ट, चीनी जासूसी जहाज देखा गया, जानें कितना है खतरनाक?

Zoom News : Apr 01, 2023, 05:39 PM
India Vs China: कुटील चीन अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत के खिलाफ वो कुछ न कुछ खुराफात करता रहता है। डोकलाम और गलवान में मुंह की खाने के बाद अब वह भारत के आसपास की समुद्री सीमा पर चौकसी कर रहा है। हिंद महासागर में भी उसके जहाज अक्सर देखे जाते हैं। इसी बीच हाल ही में चीन के एक जासूसी जहाज को भारत की जलीय सीमा के बिल्कुल करीब देखा गया है। इस जहाज का नाम है-‘यांग शि यू 760‘। यह जासूसी जहाज बंगाल की खाड़ी में गश्त कर रहा है। चीन का यह जासूसी जहाज इस समय पारादीप तट से महज 300 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है। अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में होने के कारण भले ही इस जहाज को खदेड़ा नहीं जा सकता, लेकिन यह बिल्कुल भारतीय जलीय सीमा के नजदीक खड़ा हुआ जासूसी कर रहा है। यह जासूसी जहाज बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में गहराई और लवणता जैसे डेटा को इकट्ठा कर रहा है। इस डेटा को भविष्य में बंगाल की खाड़ी में चीनी पनडुब्बी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

बंगाल की खाड़ी में क्या क्या कर रहा है चीनी जासूसी जहाज

चीन का जासूसी जहाज है यांग शि यू 760 अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इसे 2015 में टियांजिन में बनाया गया था। इसका वजन 2000 टन है। चीनी नौसेना ऐसे जहाजों को नियमित तौर पर हिंद महासागर में भेजती है। इनका मकसद समुद्री गहराई, लवणता जैसे डेटा को इकट्ठा करना और समुद्र के नीचे का 3डी नक्शा बनाना है। लेकिन इसकी आड़ में वह टोह लेने के काम भी कर सकता है। वर्तमान में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना के ऐसे ही दो अन्य जासूसी जहाज भी गश्त कर रहे हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना की गतिविधियां बढ़ने वाली है।

चीनी जासूसी जहाज से भारत को क्या खतरा

भारतीय नौसेना के जुड़े सूत्रों ने बताया है कि इस चीनी जासूसी जहाज ने भारतीय स्पेशल इकॉनमिक जोन में प्रवेश नहीं किया है और ना ही किसी अनुसंधान गतिविधि को अंजाम दिया है। लेकिन चालबाज चीन की अक्सर होने वाली हरकतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना इस चीनी जासूसी जहाज की गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए हुए है। चीनी जासूसी जहाज से भारत के कोलकाता और हल्दिया बंदरगाह से होने वाले समुद्री व्यापार को खतरा हो सकता है। चीन इस इलाके का डेटा इकट्ठा कर अपनी पनडुब्बियों को गश्त के लिए भेज सकता है। पानी के नीचे पनडुब्बियों को डिटेक्ट करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में भारत की चिंता बढ़ सकती है।

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