राजस्थान / महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में संवेदनशीलता से हो त्वरित जांच: मुख्यमंत्री गहलोत

Zoom News : Mar 21, 2021, 03:35 PM
जयपुर: राजस्थान में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर लगातार हमला बोले जाने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यहां पुलिस महकमें के आला अधिकारियों की बैठक ली और कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पॉक्सो अधिनियम तथा एससी-एसटी व कमजोर वर्ग के विरूद्ध अत्याचार के मामलों में जांच त्वरित गति से पूरी हो.

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक:

गहलोत ने जघन्य अपराध, महिलाओं, दलितों एवं आदिवासियों के खिलाफ अपराध तथा संगठित अपराधों पर नियंत्रण से जुड़े मुद्दों पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने इस बैठक में अधिकारियों से कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पॉक्सो अधिनियम और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं कमजोर वर्ग के खिलाफ अत्याचार के मामलों में जांच त्वरित गति से पूरी हो.

अनुसंधान कर परिवादी को समय पर न्याय दिलाया जाए:

गहलोत ने कहा कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर सर्किल स्तर, थाने व पुलिस चौकी तक इन मामलों में संवेदनशीलता के साथ अनुसंधान कर परिवादी को समय पर न्याय दिलाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस पर आम जनता की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. हाल ही में कुछ घटनायें सामने आई हैं, उनमें पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ही महिला अत्याचार के गंभीर प्रकरण दर्ज हुए हैं.

लम्बित प्रकरणों में जांच कम से कम समय में पूरा करने के निर्देश:

उन्होंने ऐसे प्रकरणों में शामिल पाए जाने पर सम्बन्धित पुलिस अधिकारी अथवा पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के लम्बित प्रकरणों में जांच कम से कम समय में पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध व एससी-एसटी एवं कमजोर वर्ग के खिलाफ अत्याचार के प्रकरणों में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं प्रमुख शासन सचिव (गृह) के स्तर पर समयबद्ध रूप से निगरानी की जाए.

अनुसंधान के कार्यों में आएगी तेजी:

बैठक की शुरूआत में पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने बजट में पुलिस विभाग के लिए किए गए प्रावधानों विशेषकर 3500 सहायक उप निरीक्षकों के पदों की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इससे अनुसंधान के कार्यों में तेजी आएगी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नागरिक अधिकार) नीना सिंह ने बताया कि बलात्कार के प्रकरणों में औसत अनुसंधान समय वर्ष 2017-18 के 269 दिन के मुकाबले वर्ष 2019-20 में घटकर 122 दिन हो गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य में कानून व्यवस्था विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर भाजपा लगातार राज्य सरकार पर निशाना साधे हुए है.

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