Rajya Sabha Elections / क्या हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर है संकट? क्रॉस वोटिंग से बढ़ी हलचल

Zoom News : Feb 27, 2024, 05:45 PM
Rajya Sabha Elections: हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा की एक सीट पर हो रहे चुनाव में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस और उसको समर्थन दे रहने निर्दलीयों समेत 9 विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोटिंग की है जिसके चलते कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का खेल बिगड़ गया है. क्रॉस वोटिंग करने वालों में 6 विधायक कांग्रेस और 3 निर्दलीय हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 विधायक हैं, कांग्रेस के 40 और बीजेपी के 25 हैं. जबकि 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस के पास है. लेकिन राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से विधानसभा का समीकरण भी डगमगाता नजर आ रहा है. बीजेपी नेता और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तो साफ कह दिया है कि सुक्खू सरकार अल्पमत में आ गई है.

राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के लिए तीन बजे तक का समय है. 9 विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के उच्च सदन पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रतिभा सिंह ने कहा है कि विधायकों की नाराजगी स्वाभाविक है. इसके चलते साफ है कि कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या होने के बाद भी खेल बिगड़ गया.

अभिषेक मनु सिंघवी और हर्ष महाजन के बीच मुकाबला

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस से अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी से हर्ष महाजन के बीच सीधा मुकाबला है. 68 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 वोट हैं, जबकि बीजेपी के पास 25 वोट हैं और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा भी कांग्रेस के द्वारा किया जा रहा है. बीजेपी के पास राज्यसभा जीतने के उचित नंबर न होने के बावजूद हर्ष महाजन को उतारा और क्रॉस वोटिंग के जरिए राज्यसभा चुनाव की लड़ाई को रोचक बना दिया है.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज चल रहे विधायकों के धड़े से बीजेपी को समर्थन की उम्मीद है. इसी के चलते बीजेपी ने कम नंबर होने के बावजूद हर्ष महाजन को उतारा. वोटिंग के दौरान जिस तरह से कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग की खबरें आ रही हैं, उसके चलते अगर 9 विधायक बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करते हैं तो फिर सिंघवी के जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है. कांग्रेस सूबे की सत्ता में होने के बाद भी अगर राज्यसभा चुनाव हार जाती है तो फिर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए भी सियासी संकट गहरा सकता है.

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