देश / इससे उनका रवैया दिखता है: पाक के अफगानिस्तान पर बैठक में शामिल न होने पर भारत

Zoom News : Nov 12, 2021, 11:25 AM
नई दिल्ली: भारत की NSA स्तर की अफगानिस्तान को लेकर दिल्ली में एक अहम बैठक हुई. उस बैठक में कुल सात देशों ने हिस्सा लिया और अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. लेकिन अफगानिस्तान के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इस अहम बैठक में हिस्सा नहीं लिया. अब विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की अनुपस्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

भारत की अफगानिस्तान बैठक, पाक नदारद

विदेश मंत्रलाय के प्रवक्ता अरिंदम बगाची ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान का ऐसी बैठकों में ना आना उनकी लापरवाही की ओर इशारा करता है. वे कहते हैं कि पाकिस्तान को हमारी तरफ से न्योता गया था. उन्हें भी इस बैठक के लिए बुलाया गया था. लेकिन ये पाकिस्तान का रवैया है कि उसने इतनी महत्वपूर्ण बैठक में ना आने का फैसला किया. वैसे पाकिस्तान के अलावा विदेश मंत्रालय ने चीन को भी मुंहतोड़ जवाब दिया है. हाल ही में पेंटागन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था चीन, भारत की सीमा पर निर्माण कर रहा है. उस रिपोर्ट पर कांग्रेस ने भी खूब बवाल मचाया. अब विदेश मंत्रालय ने विवाद पर सीधा जवाब दे दिया है.

चीन पर विदेश मंत्रलाय की दो टूक

कहा गया है कि चीन के किसी भी ऐसे निर्माण को भारत कभी मंजूरी नहीं देने वाला है और हमेशा से ही इसका विरोध करता आया है. स्पष्ट कहा गया है कि पिछले कई सालों से चीन ऐसे प्रयास कर रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से हमेशा कड़ा रुख दिखाया गया. विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार भी सीमा क्षेत्रों में लगातार सड़क निर्माण कर रही है. ऐसे में कनेक्टिविटी की कोई समस्या नहीं होने वाली है.

अब पाकिस्तान, भारत की बैठक में तो नहीं आया लेकिन अपने स्तर पर अफगानिस्तान पर एक अलग बैठक बुला ली. पाकिस्तान की तरफ से ट्रोइका प्‍लस बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में अमेरिका, चीन, रूस और अफगानिस्तान को शामिल किया गया है. सभी राजनयिकों की मेजबानी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ करने जा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि इस समय पाकिस्तान में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी पहुंचे हुए हैं.

किन मुद्दों पर हुई चर्चा

वैसे भारत की इस अहम बैठक में कुल दो देशों ने आने से मना किया था. एक तो रहा पाकिस्तान और दूसरा उसका हमदर्द चीन. चीन ने भी पाकिस्तान वाली बैठक में जाने का मन बनाया, लेकिन भारत की बैठक को नजरअंदाज कर दिया. जानकारी के लिए बता दें कि भारत की अफगानिस्तान बैठक में कई मुद्दों पर बातचीत हुई है. इस लिस्ट में आतंकवाद, अफगानिस्तान को सहायता, समावेशी सरकार जैसे मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई. सभी देशों ने सहमति जताई कि अफगानिस्तान की धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और वहां पर सिर्फ एक ऐसी ही सरकार को मान्यता दी जाएगी जो समावेशी हो और लोगों के हक की रक्षा करने वाली हो.

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