- भारत,
- 23-Jul-2025 07:20 PM IST
- (, अपडेटेड 23-Jul-2025 03:00 PM IST)
Donald Trump News: अमेरिका और जापान के बीच अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता संपन्न हो गया है। इस ऐतिहासिक डील की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ के माध्यम से की। इस समझौते के तहत जापान अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा और अपने सामानों पर 15% टैरिफ का भुगतान करेगा। ट्रंप ने पहले ही जापान को चेतावनी दी थी कि यदि 1 अगस्त तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो जापानी सामानों पर 25% टैरिफ लागू होगा। समय पर सहमति के कारण टैरिफ को घटाकर 15% कर दिया गया।
अमेरिका को निवेश और रोज़गार का लाभ
ट्रंप ने बताया कि इस निवेश का 90% लाभ अमेरिका को मिलेगा, जिससे लाखों लोगों को रोज़गार के नए अवसर प्राप्त होंगे। यह समझौता न केवल विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा, बल्कि जापानी आयात पर टैरिफ से अमेरिका को बड़ा राजस्व भी प्राप्त होगा। यह निवेश वैश्विक आर्थिक समीकरणों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
जापान की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक दबाव
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने कहा कि वे इस समझौते को पूरी तरह समझना चाहते हैं। हालांकि, अमेरिका ने इसे अंतिम रूप दे दिया है। जापान को ट्रंप की समयसीमा से पहले निर्णय लेना पड़ा, ताकि भारी टैरिफ से बचा जा सके। इस कूटनीतिक दबाव ने जापान को तेजी से समझौता करने के लिए मजबूर किया।
अन्य देशों के साथ अमेरिका के समझौते
जापान से पहले, अमेरिका ने इंडोनेशिया और फिलिपींस के साथ भी व्यापारिक समझौते किए हैं। इनके तहत इन देशों के उत्पादों पर 19% टैरिफ लगाया गया है, जबकि अमेरिकी उत्पादों को उनके बाजारों में कर छूट मिलेगी। यह रणनीति ट्रंप प्रशासन की विकासशील देशों से एकतरफा लाभ लेने की नीति को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करना है।
भारत के साथ व्यापारिक वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता भी अंतिम दौर में है। भारत सरकार एक अंतरिम मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी कर रही है, जिसकी घोषणा जल्द हो सकती है। अमेरिका ने भारत को भी 1 अगस्त की समयसीमा दी है, जिसके बाद टैरिफ लागू हो सकते हैं। भारत को स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो पार्ट्स पर भारी टैरिफ से बचने के लिए समय पर डील करनी होगी।
भारत का कड़ा रुख
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत जवाबी शुल्क लगाने का हक रखता है। भारत ने स्टील और एल्युमिनियम पर अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग की है, साथ ही डेयरी, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, वाइन, पेट्रोकेमिकल्स और कृषि उत्पादों में रियायतें मांगी हैं। भारत ने अमेरिका को लचीला रुख अपनाने की सलाह दी है।
