11 पाक शरणार्थियों की मौत / जोधपुर के देचू गांव के समीप 11 पाकिस्तानी शरणार्थियों के शव मिले, विषाक्त पदार्थ से मौत की आशंका

Zoom News : Aug 09, 2020, 11:29 AM
जोधपुर | राजस्थान के जोधपुर जिले (Rajasthan Jodhpur District) के देचू गांव (Dechu Village) के एक खेत में बने कमरे में 11 लोगों के शव मिले हैं। सभी मृतक पाकिस्तानी शरणार्थी (Pakistani People) बताए जा रहे हैं और कृषि कार्य के लिए खेत में रुके हुए थे। सूचना मिलने पर पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंचकर गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई है। 

जानकारी के अनुसार अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि इनकी मौत कैसे हुई और इनकी शिनाख्त करने के पहचान भी की जा रही है। हालांकि सभी मृतक पाकिस्तान से आए शरणार्थी बताए जा रहे हैं। परिवार का एकमात्र सदस्य जिंदा बचा है। वह रात को अपने घर से दूर जाकर एक रेतीली जगह पर सो गया था। सूचना मिलने के बाद पुलिस के आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच कर रहे हैं।

घटना लोड़ता अचलावता गांव की है। यहां कुछ पाक विस्थापित खेती का काम करते हैं। एक नलकूप पर बने घर में यह सभी सदस्य रात में सो रहे थे। घर से दूर जाकर सो रहा युवक सुबह उठकर यहां आया तो उसने देखा कि एक साथ 11 सदस्यों के शव पड़े हैं। उसके चिल्लाने पर आसपास के खेतों से लोग भागकर पहुंचे। बाद में पुलिस को सूचना दी गई।

मौके पर जिला पुलिस अधीक्षक (जोधपुर ग्रामीण) राहुल बारहठ समेत अन्य अफसर पहुंचे। फिलहाल, पुलिस ने घर के आसपास का पूरा इलाका सील कर दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच होने के बाद ही पता चल पाएगा कि एक साथ इतने लोगों की मौत कैसे हुई। पुलिस और विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम मौके पर जांच के लिए जुटी हुई है। इस सूचना मिलने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई है। यह वारदात लोड़ता अचलावता गांव के लोगों के साथ हुई बताई जा रही है, जिसमें एक ही परिवार के 11 लोगों की हत्या होने की बात सामने आ रही है। देचू थाना प्रभारी हनुमान राम विश्नोई मय जाप्ता मौके पर पहुंचे हैं। प्रथम दृष्टया इसमें हत्या की बात सामने आ रही है, लेकिन अभी मामले में पड़ताल चल रही है।

एक मात्र जीवित बचे केवलराम की जुबानी....

‘‘हमारे परिवार ने गांव में भीयाराम पंवार के नलकूप को ठेके पर ले रखा है। पूरा परिवार यहीं पर खेती करता था। रक्षाबंधन के दिन उसकी बहन राखी बांधने आई थी। वह चली गई, लेकिन उसके दो बच्चे यहीं पर रुक गए। शनिवार रात साढ़े 9 बजे तक सभी ने साथ बैठकर खाना खाया। इसके बाद 10.45 बजे तक सभी साथ बैठकर बाते करते रहे। खेत में रोजड़े (नीलगाय) आते हैं और फसल को खराब कर देते हैं। ऐसे में करीब 11.45 बजे मैं रखवाली करने चला गया। 2 घंटे तक मैं वहां घूमकर चौकीदारी करता रहा। इसके बाद वहीं सो गया। सुबह करीब 6.45 बजे उठकर यहां आया तो सभी को सोते देखकर आश्चर्य हुआ। जगाकर देखा तो एक भी जीवित नहीं मिला। एक बार तो मैं बुरी तरह से घबरा गया। ऐसे में किसे बुलाता। इस पर मैने अपने भांजे को फोन किया कि यहां सब कुछ खत्म हो गया है। जानकारी मिलते ही बहन-बहनोई और भांजा पहुंचे। इसके बाद अन्य लोगों को सूचना दी।’’

जहरीला पदार्थ खाने से मौत की आशंका

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बारहट ने कहा कि जीवित बचे केवलराम ने घटना के बारे में कोई अनुमान नहीं होने का दावा किया है। हम अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं। लेकिन, प्रथम दृष्टया जाहिर होता है कि सभी सदस्यों ने रात में किसी जहरीली रसायन का सेवन किया था, जिससे इन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि झोंपड़ी में चारों ओर किसी रसायन की गंध थी, जिससे लगता है कि इन्होंने कुछ जहरील पदार्थ खाया होगा। शुरुआती जानकारी से संकेत मिलता है कि परिवार में किसी मुद्दे पर कुछ विवाद था।किसी भी शव पर न तो कोई चोट का निशान था और न ही मारपीट के कोई सबूत मिले। लेकिन हम किसी भी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए फॉरेंसिक टीम और एक डॉग स्क्वाड की मदद लेकर जांच कर रहे हैं।

घटनास्थल पूरी तरह सील, जांच में एसएफएल से उम्मीदें

देचू थाना अधिकारी राजू राम ने बताया कि इस घटना में केवलराम (37) के माता-पिता, 1 भाई और 3 बहनों के अलावा 2 बेटों और 1 बेटी की मौत हुई है। इनमें 7 महिला और 4 पुरुष हैं। पुलिस पूछताछ कर रही है। फिलहाल, घटनास्थल पर किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है, जिस कमरे में यह हादसा हुआ, वहां पर भी पुलिस ने प्रतिबंध लगा दिया है। कहा जा रहा है कि एफएसएल टीम ही सभी तरह के साक्ष्य जुटाकर इस मामले में खुलासे को सही दिशा दे सकती है।

इनकी मौत हुई

मरने वालों में बुधाराम (75), बुधाराम की पत्नी अंतरा देवी (70), बुधाराम की बेटियां लक्ष्मी (40), पिया (25), सुमन (22), बेटा रवि (35), केवलराम की बेटी दिया (5), बेटे दानिश (10), दयाल (11), जबकि सुरजाराम की बेटियां तैन (17) और मुकदश (16) की मौत हुई है।

6 साल पहले पाकिस्तान से आया था परिवार

बुधाराम भील का परिवार वर्ष 2014 में पाकिस्तान से पलायन कर जोधपुर आया था। इस परिवार की एक बेटी अपने पति के साथ काफी समय पहले भारत आकर इसी क्षेत्र में बस चुकी थी। यह परिवार नागरिकता हासिल करने की जद्दोजहद में जुटा था। इस बीच रोजगार के लिए बुधाराम ने देचू के पास लोड़ता अचलावता में एक कृषि कुएं को किराए पर लेकर खेती करना शुरू कर दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब नहीं थी कि सभी सदस्यों को एक साथ जान देने के बारे में सोचना पड़े।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER