कोरोना वायरस / महामारी के बीच ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जान पर बनी आफत

AMAR UJALA : Sep 13, 2020, 09:10 AM
Delhi: कोरोना मरीजों के लिए संजीवनी का काम रही  है ऑक्सीजन, लेकिन देश में ऑक्सीजन के संकट से मरीजों की जान पर आफत मंडराने लगी है। मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन न मिलने से चार मरीजों की मौत हो गई। गुजरात में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा रहा है। वहीं, लॉकडाउन में किल्लत शुरू होने के बाद यूपी,पंजाब, दिल्ली व छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों मे कालाबाजारी के मामले सामने आए हैं।

देश में 6400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन में से मात्र एक हजार मीट्रिक टन का इस्तेमाल अस्पतालों में  लाया जाता है। बाकी का उद्योंगों के काम लिया जाता है। केंद्र का दावा है पर्याप्त मात्रा में उत्पादन हो रहा है।

हालांकि छह माह से आपूर्ति लड़खड़ाई है, अब हालात बिगड़ने लगे हैं। समस्या बढ़ते देख महाराष्ट्र सरकार ने ऑक्सीजन निर्माता कंपनियों को कुल उत्पादन का 80 फीसदी हिस्सा चिकित्सा क्षेत्र में देने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति बनाए रखने को लेकर ताकीद कर चुका है।


अप्रैल में ही जारी हुआ था आदेश

देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी को मिला। लॉकडाउन में किल्लत शुरू हो गई लेकिन चार अप्रैल को ऑक्सीजन की जरूरत को लेकर केंद्र सरकार की नींद टूटी और राज्यों को ऑक्सीजन  आपूर्ति का निर्देश दिया। छह अप्रैल को गृह मंत्रालय की ओर से भी राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति लिए निर्देश दिए गए।


ये हैं बड़ी वजहें

राज्यों में गुटबाजी- स्वास्थ्य मंत्रालय  के  अफसर के अनुसार कुछ राज्यों की गुटबाजी से हालात बिगड़ रहे हैं।

बिल पास न होना- एआईआईीएमए के अध्यक्ष साकेत टिकू का कहना है कि पुराने बिल का भुगतान न किए जाने से भी समस्या बढ़ रही है।

लापरवाही-  अधिकार बताते हैं, ज्यादातर बिना लक्षण के मरीज मिलने के चलते राज्यों का कोरोना के प्रति लापरवाह रवैया देखने को मिल रहा है।



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