Kirodi Lal Meena / मंत्री किरोड़ीलाल ने दौसा में मारी रेड: मिल्क फूड फैक्ट्री में मिले केमिकल ड्रम और मिलावटी दूध

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने दौसा की दाउजी मिल्क फूड प्रोसेसिंग फैक्ट्री पर देर रात छापा मारा, जहां तूड़ी के ढेर में दबे 20 केमिकल ड्रम और हजारों लीटर संदिग्ध मिलावटी दूध मिला। नकली घी और बटर बनाने की सूचना पर हुई इस कार्रवाई में 25,000 लीटर दूध नष्ट किया गया और नमूने जांच के लिए भेजे गए।

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने रविवार रात अपने गृह क्षेत्र महवा स्थित एक मिल्क फूड प्रोसेसिंग फैक्ट्री पर औचक छापेमारी कर बड़े पैमाने पर मिलावट का भंडाफोड़ किया। यह कार्रवाई उनके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले, रात करीब 12 बजे की गई, जब मंत्री मीणा अधिकारियों की टीम के साथ दौसा और भरतपुर जिले के बॉर्डर पर स्थित दाउजी मिल्क फूड प्रोसेसिंग फैक्ट्री पहुंचे। मंत्री के अचानक लवाजमे के साथ पहुंचने से वहां काम कर रहे मजदूरों में हड़कंप मच गया और मंत्री ने पूरे प्लांट का गहन दौरा किया और वहां बनाए जा रहे उत्पादों की बारीकी से जांच की, जिससे फैक्ट्री में चल रहे अवैध धंधे का पर्दाफाश हुआ।

सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई

दरअसल, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को इस फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर नकली देशी घी, बटर और मिल्क पाउडर बनाने की विश्वसनीय सूचना मिली थी और इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए, उन्होंने बिना किसी देरी के कार्रवाई करने का फैसला किया। आधी रात को की गई यह छापेमारी मंत्री की सक्रियता और जनहित के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सूचना की पुष्टि के लिए उन्होंने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, जिससे किसी भी तरह की लीपापोती की गुंजाइश खत्म हो गई।

फैक्ट्री में चौंकाने वाली खोज

छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में कई चौंकाने वाली चीजें मिलीं और मौके पर हजारों लीटर दूध का स्टॉक पाया गया, जिसकी गुणवत्ता संदिग्ध थी। सबसे alarming बात यह थी कि तूड़ी (पशुओं के चारे) के ढेर में केमिकल से भरे करीब 20 ड्रम दबे हुए मिले। जब इन ड्रमों को खोलकर देखा गया, तो उनमें से खतरनाक बदबू आ रही थी, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि इनका उपयोग मिलावटी उत्पादों के निर्माण में किया जा रहा था। नकली दूध की आशंका के चलते, मौके पर ही लगभग 25 हजार लीटर दूध को नष्ट कराया गया, ताकि यह लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचा सके।

हानिकारक सामग्री और ब्रांडों का दुरुपयोग

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस दौरान बताया कि फैक्ट्री में मिलावटी प्रोडक्ट बनाकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। उन्होंने खुलासा किया कि मौके पर अमूल समेत 17 अलग-अलग ब्रांडों के पैकेट मिले हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि नकली उत्पादों को प्रतिष्ठित ब्रांडों के नाम से बेचा जा रहा था। पूछताछ में एक पकड़े गए ट्रैक्टर ड्राइवर ने बताया कि आगरा से। आने वाले दूध में यूरिया और कास्टिक सोडा मिलाकर तैयार किया जाता था। इसके अलावा, 25 ड्रम छिपाकर रखे हुए थे, जिनमें से बदबू आ रही थी और कई ड्रमों में पनीर और नकली घी का स्टॉक भी मिला, जो इस बड़े पैमाने पर चल रहे मिलावट के धंधे की पुष्टि करता है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया और सैंपलिंग

मंत्री के निर्देश पर, सीएमएचओ डॉ. सीताराम मीणा और खाद्य निरीक्षकों की मौजूदगी में फैक्ट्री का विस्तृत निरीक्षण किया गया और उत्पादों के नमूने लिए गए। इस पूरे प्रकरण को लेकर दौसा कलेक्टर देवेंद्र कुमार और एसपी सागर राणा को भी तत्काल फोन पर सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी देर रात मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला और यह त्वरित कार्रवाई सरकारी तंत्र की गंभीरता को दर्शाती है, जब मंत्री स्वयं मौके पर मौजूद हों। नमूनों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है,। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने मिलावट को बताया जानलेवा

डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस गंभीर मामले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पैकिंग किए हुए मिले पैकेट पर 'शुद्ध गाय का घी' लिखा हुआ था, जिसकी सप्लाई आर्मी स्कूल में होना बताया जा रहा है और उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे उत्पाद एक तरीके से विषाक्त हैं और लोग इन्हें खाकर गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कहीं ना कहीं फैक्ट्री संचालक लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं और ऐसे काम करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उनका यह बयान मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त संदेश है।

सीएमएचओ ने पुष्टि की और पिछली कार्रवाई का भी जिक्र किया

सीएमएचओ डॉ और सीताराम मीणा ने मीडिया को बताया कि सूचना पर फैक्ट्री पहुंचने पर वहां कई ब्रांड के नाम से घी और बटर बनाने का काम किया जा रहा था। उन्होंने पुष्टि की कि मौके पर कई तरह के केमिकल और विभिन्न कंपनियों के रैपर भी मिले हैं, जिनमें यहां बनने वाले उत्पाद पैक किए जाते थे। डॉ. मीणा ने यह भी बताया कि पूर्व में भी इस फैक्ट्री पर कार्रवाई करते हुए सैंपलिंग हुई थी और माल भी सीज किया गया था। उन्होंने आश्वस्त किया कि अब फिर से फैक्ट्री में मौजूद माल के नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे जाएंगे और जांच रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, फैक्ट्री के लाइसेंस की भी गहन जांच की जाएगी।

खाद्य उत्पादकों में हड़कंप

कृषि मंत्री द्वारा अचानक की गई इस छापेमारी से जिले में संचालित अन्य फूड प्रोडक्ट उत्पादकों में भी खलबली मची हुई है। इस कार्रवाई ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि मिलावटखोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे अवैध धंधों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह घटना खाद्य सुरक्षा और जन स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।