- भारत,
- 18-May-2025 03:36 PM IST
Akash Anand: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में एक बार फिर नेतृत्व और विश्वास की नई पटकथा लिखी जा रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद पर पुनः भरोसा जताते हुए उन्हें पार्टी का मुख्य नेशनल को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। यह फैसला बसपा के सेंट्रल ऑफिस, लोधी रोड, दिल्ली में रविवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बैठक के दौरान सामने आया, जिसमें देशभर से आए पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।
वापसी के बाद मिली बड़ी जिम्मेदारी
आकाश आनंद की यह वापसी बसपा संगठन में एक बार फिर से सक्रिय भूमिका निभाने का संकेत देती है। 3 मार्च को आकाश को पार्टी से निष्कासित किया गया था, जिसका कारण उनके व्यवहार और कुछ अंदरूनी प्रभावों को बताया गया। लेकिन 13 अप्रैल को मायावती ने उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया। हालांकि यह वापसी शर्तों के साथ थी—मायावती ने स्पष्ट किया था कि आकाश को अब ज्यादा जिम्मेदारी के साथ, समझदारी से कार्य करना होगा और किसी के बहकावे में नहीं आना है।
बसपा की नई रणनीति का संकेत?
आकाश आनंद की फिर से सक्रिय भागीदारी और उन्हें दी गई नई जिम्मेदारी इस बात का संकेत है कि बसपा अब एक बार फिर से युवा नेतृत्व को आगे लाकर संगठन में ऊर्जा भरने की रणनीति अपना रही है। आकाश पूर्व में भी पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर रह चुके हैं और मायावती उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुकी हैं। ऐसे में इस पुनर्नियुक्ति को केवल भावनात्मक या पारिवारिक निर्णय नहीं, बल्कि रणनीतिक पहल के तौर पर देखा जा रहा है।
संगठन में सख्त अनुशासन और दूसरा मौका
मायावती ने यह स्पष्ट किया था कि पार्टी और मूवमेंट की भलाई सर्वोपरि है। आकाश को निकाले जाने के समय उन्होंने अनुशासन को आधार बनाया था। लेकिन आकाश द्वारा अपनी गलतियों को स्वीकार करना और माफी मांगना यह दर्शाता है कि पार्टी में सुधार और आत्ममंथन की गुंजाइश है। यह घटनाक्रम बसपा के आंतरिक लोकतंत्र और नेतृत्व शैली की भी झलक देता है।
क्या मायावती तैयार कर रही हैं अगला नेतृत्व?
आज की बैठक में आकाश की उपस्थिति और उनकी नई नियुक्ति ने यह अटकलें फिर से तेज कर दी हैं कि मायावती धीरे-धीरे पार्टी की कमान अपने भतीजे के हाथों में सौंपने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। हाल के वर्षों में पार्टी को मजबूत नेतृत्व और नई दिशा की आवश्यकता महसूस की जा रही है। आकाश आनंद के रूप में पार्टी को एक ऐसा चेहरा मिल सकता है जो युवा वर्ग को जोड़ सके और बसपा की सामाजिक इंजीनियरिंग को नई ऊर्जा दे सके।