दुनिया / पूर्वी अफ्रीका में तबाही मचाकर भारत पहुंची हैं करोड़ों टिड्डियां, UN ने दी थी चेतावनी

News18 : May 27, 2020, 03:33 PM
नई दिल्ली। भारत के कई राज्यों में टिड्डी (Locust attack India) के बड़े-बड़े दल हमला कर रहे हैं और फसलों को निशाना बना रहे हैं। आपको बता दें कि ये टिड्डी दल बीते तीन महीनों से पूर्वी अफ्रीका (East Africa) के दस देशों में भारी तबाही मचाए हुए थे। संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने भी बीते दिनों भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लिए इन टिड्डियों के हमलों को लेकर एक चेतावनी जारी की थी। UN की माने तो भारत में भी टिड्डियों के शुरूआती दल पहुंचे हैं आने वाले 10 दिनों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक टिड्डियों के इन दलों ने बीते महीनों में पूर्वी अफ्रीका के देश केन्या, युगांडा, तंजानिया, रवांडा, बुरुंडी, इथोपिया, साउथ सूडान, दिजिबोती, एरितेरिया और सोमालिया में काफी तबाही मचाई है। इन इलाकों में बारिश होने के बाद से टिड्डियों की संख्या में 20 गुना इजाफा हो गया और केन्या, इथियोपिया, तंजानिया, सोमालिया में इन्होने इतनी तबाही मचा दी कि इस साल अकाल की स्थिति भी पैदा हो सकती है। UN के मुताबिक टिड्डियों का एक दल एक तिहाई स्क्वायर मील में यात्रा कर फसलों को इतना नुकसान पहुंचा देता है जितने में 35,000 लोग एक दिन का खाना खा लें। UN ने अफ्रीका में टिड्डियों के इस हमले को 'टिड्डी प्लेग' का नाम दिया है, खासकर सोमालिया में स्थिति काफी ख़राब है।

UN ने जारी की थी चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की खाद्य एवं कृषि एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी कीथ क्रेसमैन ने 21 मई को चेतावनी दी थी कि करोड़ों की संख्या में टिड्डियां जल्द ही भारत पर हमला बोल सकती हैं। ये आम टिड्डियां नहीं हैं बल्कि मरुस्थलीय टिड्डियों (Desert locust) के दल हैं जो कि फसलों के लिए विनाशकारी साबित हो सकते हैं। UN ने ये चेतावनी भारत, पाकिस्तान और पूर्वी अफ्रीका के देशों के लिए जारी की थी। UN के मुताबिक ये टिड्डी दल खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं और अगले महीने पूर्वी अफ्रीका से भारत और पाकिस्तान की ओर बढ़ रहा है।

बता दें कि मरुस्थलीय टिड्डी को दुनिया में सबसे विनाशकारी प्रवासी कीट माना जाता है और एक वर्ग किलोमीटर में फैले एक झुंड में आठ करोड़ तक टिड्डी हो सकती हैं। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सीनियर लोकस्ट फॉरकास्टिंग ऑफिसर कीथ क्रेसमैन ने कहा, 'हर कोई जानता है कि हम दशकों में अब तक के सबसे खराब मरुस्थलीय टिड्डी हमले की स्थिति का सामना कर रहे हैं। फिलहाल ये पूर्वी अफ्रीका में हैं जहां उन्होंने आजीविका तथा खाद्य सुरक्षा को दुष्कर बना दिया है लेकिन अब अगले महीने या उसके बाद ये अन्य इलाकों तक फैलेंगी और पश्चिम अफ्रीका की ओर बढ़ेंगी। अगर ये हिंद महासागर पार करके भारत तथा पाकिस्तान जाएंगी, तो बड़ी तबाही होना तय मानिए।'

अफ्रीकी देशों में हाल बुरा

युगांडा के कृषि मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दुनिया के देशों से सहायता की अपील की है। इस संदेश में कहा गया है- ये काफी तेज हैं, रास्ते में आ रहा सब कुछ तबाह कर रहीं हैं। हम पहले ही कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं, इस अटैक के बाद अब स्थितियां और ख़राब हो गयी हैं। केन्या में भी टिड्डी के हमलों को लेकर चेतावनी जारी की गयी हैं, ये खासकर खेतों को निशाना बना रही हैं जिससे खाद्य संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। युगांडा की कृषि मंत्री हेलेन अडोया बताती हैं कि इनका निशाना सबसे पहले हरा रंग होता है, ये जहां भी जाती हैं सबसे पहले हरे रंग के पौधों-फसलों को निशाना बनाती हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक ये टिड्डी दल एक दिन में 90 मील तक का सफ़र कर सकते हैं। ये अपने शरीर के वजन से भी ज्यादा फसल खाने में सक्षम होते हैं। बारिश के मौसम में ये तेजी से प्रजनन करते हैं और  इनकी संख्या 10 दिनों में ही डबल हो जाती है। UN ने इन्हें प्लेग इसलिए ही कहा है क्योंकि ये उसी की तरह बढ़ती हैं और फिर आस-पास के देशों-शहरों में फ़ैल जाती हैं।

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