America / NASA ने रचा इतिहास, पहली बार किसी दूसरे ग्रह पर उड़ाया गया हेलिकॉप्टर

Zoom News : Apr 20, 2021, 11:32 AM
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने 19 अप्रैल 2021 को इतिहास रच दिया। दोपहर करीब 4 बजे किसी दूसरे ग्रह पर पहली बार हेलिकॉप्टर उड़ाया गया। इस हेलिकॉप्टर का नाम है इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter)। पहले यह तय हुआ था कि ये 11 अप्रैल को पहली उड़ान होगी। लेकिन इसे टालकर 14 अप्रैल 2021 की तारीख तय की गई। लेकिन NASA ने कहा है कि हेलिकॉप्टर की टेस्ट उड़ान के दौरान टाइमर सही से काम नहीं कर रहा था, इसलिए उड़ान को टाल दिया गया था। यह तस्वीर इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर के ऑनबोर्ड कैमरे से ली गई है। नीचे मंगल की सतह और हेलिकॉप्टर की परछाई दिख रही है।

NASA ने बताया कि टाइमर की गलती की वजह से प्री-फ्लाइट मोड से फ्लाइट मोड में आने की व्यवस्था थो़ड़ी गड़बड़ हो गई थी। इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) पूरी तरह से सुरक्षित और धरती से संपर्क में है। इसमें लगा वॉचडॉग टाइमर (Watchdog Timer) धरती से कमांड सही से नहीं ले रहा था। जिसकी वजह से फ्लाइट सीक्वेंस कमांड धीमी हो गई थी। इसलिए इसे दुरुस्त करके 19 अप्रैल की तारीख तय की गई थी। लाल घेरे में मार्स हेलिकॉप्टर मंगल की सतह से करीब 3 मीटर ऊपर उड़ते हुए दिखाई दे रहा है। यह तस्वीर मार्स पर्सिवरेंस रोवर ने दूर से ली है।  

आपको बता दें कि मार्स पर्सिवरेंस रोवर के पेट के नीचे कवर करके भेजा गया इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) 5 अप्रैल को मंगल ग्रह की सतह पर उतारा गया था। यह हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह की सतह और वहां के वायुमंडल में रोटरक्राफ्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है कि नहीं। 19 अप्रैल की उड़ान एक प्रयोगिक उड़ान थी। इससे यह पता करना जरूरी था कि हम दूसरे ग्रह पर हेलिकॉप्टर उड़ा सकते हैं या नहीं। 

इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) को रोवर ने जमीन से चार इंच ऊपर छोड़ा। सतह पर हेलिकॉप्टर के गिरने के बाद रोवर आगे बढ़ गया। 1.8 किलोग्राम के इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को पर्सिवरेंस रोवर को अपने नीचे पहियों के ऊपर पेट में एक कवर के अंदर सुरक्षित रखा था। 21 मार्च को यह कवर हटाया गया था। NASA ने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि जल्द ही इस रोवर के पेट से उड़ने वाला पक्षी निकलेगा। यह नए रास्ते खोलेगा।

इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) के अंदर सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली बैटरी लगी है। इसके पंखों के ऊपर सोलर पैनल लगा है। जो जितना गर्म होगा उतना बैटरी को ताकत मिलेगी। साथ ही हेलिकॉप्टर के अंदर एक गर्मी बनी रहेगी ताकि वह मंगल ग्रह के बदलते तापमान को बर्दाश्त कर सके। मंगल पर दिन में इस समय 7।22 डिग्री सेल्सियस तापमान है। जो रात में घटकर माइनस 90 डिग्री सेल्सियस तक जाता है।

ऐसा माना जा रहा था कि इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Ingenuity Mars Helicopter) 14 अप्रैल से पहले 11 अप्रैल को अपनी पहली उड़ान भरेगा। जिसके डेटा धरती को एक दिन बाद यानी 12 अप्रैल को मिलेंगे। इस रोटरक्राफ्ट यानी हेलिकॉप्टर को बनाने में NASA ने 85 मिलियन डॉलर्स यानी 623 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। इसके पंखे हर मिनट 2537 राउंड लगाते हैं।

NASA का मानना है कि स्थितियां अनुकूल रहीं तो यह जेजेरो क्रेटर पर कई उड़ानें भरेगा। ये उड़ाने अगले 31 दिनों तक होंगी। ये दिन मंगल ग्रह के मुताबिक होंगे। हर उड़ान 16।5 फीट से ज्यादा ऊंचाई की नहीं होगी। हेलिकॉप्टर एक बार में 300 फीट की दूरी तय करेगा। इसके बाद उसे लैंड कराकर दोबारा चार्ज करने के लिए छोड़ दिया जाएगा। 

NASA के वैज्ञानिकों ने कहा कि अभी तक धरती के अलावा किसी भी दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट या ड्रोन हेलिकॉप्टर नहीं भेजा गया है। यह पहली बार है जब इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ान भरेगा। अगर इसे उड़ान के समय सफलता हासिल करता है तो भविष्य में अन्य ग्रहों पर ऐसे ड्रोन या रोटरक्रॉफ्ट जैसे यान भेजे जा सकेंगे।

इस मिशन पर काम करने वाली टीम ने कहा कि Ingenuity की कुछ उड़ानें पूरी होने के बाद, पर्सिवरेंस रोवर अपने मुख्य उद्देश्य पर फोकस करेगा। यह मार्स पर प्राचीन जीवन के संकेतों का पता करेगा। पृथ्वी पर लौटने से पहले सैंपल जमा करेगा। 

पर्सिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। मौसम का अध्ययन करेंगे। ताकि भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को आसानी हो। रोवर में लगे मार्स एनवायर्नमेंटल डायनेमिक्स एनालाइजर यह बताएगा कि मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने लायक स्थिति है या नहीं। इसमें तापमान, धूल, वायुदाब, धूल और रेडिएशन आदि का अध्ययन किया जाएगा।

भारतीय मूल की वनीजा रूपाणी (17) ने हेलिकॉप्टर को इंजीन्यूटी नाम दिया है। हिंदी में इसका मतलब है किसी व्यक्ति का आविष्कारी चरित्र। वनीजा अलबामा नार्थ पोर्ट में हाई स्कूल जूनियर हैं। मंगल हेलिकॉप्टर के नामकरण के लिए नासा ने 'नेम द रोवर' नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 28,000 प्रतियोगी शामिल हुए थे। इसमें वनीजा की ओर से सुझाए गए नाम को फाइनल किया गया।

आपको बता दें कि पिछले 11 दिनों में दो देशों के मिशन मंगल पर जा चुके हैं। अब अमेरिका अपना मिशन भेजने वाला है। 19 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात ने मिशन होप भेजा था। 23 जुलाई को चीन ने तियानवेन-1 मार्स मिशन भेजा था।

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