Vikrant Shekhawat : Jan 17, 2025, 10:00 AM
Israel-Hamas News: इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से चल रही संघर्ष की गाथा एक नई दिशा में बढ़ती नजर आ रही है। दोनों पक्षों के बीच सीजफायर डील फाइनल हो चुकी है, हालांकि इसका औपचारिक ऐलान अभी बाकी है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए इसे बंधकों की रिहाई की दिशा में एक अहम कदम बताया है।
इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग ने कई निर्दोष जानें ली हैं और क्षेत्र को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। सीजफायर डील से उम्मीदें जरूर जगी हैं, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों का ईमानदारी से प्रयास करना जरूरी होगा। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह डील क्षेत्र में स्थायी शांति लाएगी या फिर यह भी संघर्ष की एक और कड़ी बनकर रह जाएगी।
समझौते का महत्व और तैयारी
प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि बातचीत करने वाली टीम ने समझौते की अंतिम जानकारी नेतन्याहू को दी। पीएम नेतन्याहू ने बातचीत में शामिल सभी टीम सदस्यों और सहयोगियों की सराहना की। उन्होंने बंधकों और लापता लोगों की रिहाई के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और अधिकारियों को रिहा हुए लोगों के स्वागत और देखभाल की तैयारी के निर्देश दिए हैं।समझौते को अंतिम रूप देने के लिए इजराइली सरकार की बैठक होने वाली है। इससे पहले सुरक्षा कैबिनेट भी इस डील पर चर्चा करेगी। हालांकि, इस डील के आसपास विवाद भी जारी हैं। पीएम नेतन्याहू ने हमास पर समझौते के प्रावधानों से पीछे हटने और नई मांगें जोड़ने का आरोप लगाया है।सीजफायर की घोषणा और उसके बाद के घटनाक्रम
पिछले बुधवार को सीजफायर समझौते की घोषणा ने उम्मीदें जगाईं कि 15 महीनों से जारी संघर्ष का अंत हो सकता है। यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजराइल पर हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे और 250 को बंधक बना लिया गया था। जवाब में, इजराइल ने गाजा पर व्यापक हवाई हमले किए, जिसमें हजारों लोग मारे गए और लाखों घायल हुए।हालांकि, सीजफायर समझौते के अगले ही दिन इजराइल ने गाजा पर फिर से हमला किया। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों पक्षों के बीच अविश्वास की खाई अभी भी गहरी है।संघर्ष के आंकड़े और मानवीय संकट
हमास और इजराइल के बीच इस संघर्ष ने मानवीय संकट को गहरा कर दिया है। गाजा में 46,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि इससे कहीं अधिक घायल हुए हैं। लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। वहीं, इजराइल के नागरिकों ने भी इस युद्ध में भारी नुकसान झेला है।क्या डील स्थायी शांति ला पाएगी?
इस सीजफायर डील को लेकर आशाएं और शंकाएं दोनों हैं। हालांकि, डील के फाइनल होने के बावजूद दोनों पक्षों के बीच विवाद बरकरार हैं। इजराइल और हमास दोनों ही एक-दूसरे पर वादाखिलाफी के आरोप लगा रहे हैं। गाजा में हमास को पीछे हटने की शर्त और नई मांगें डील की सफलता को लेकर सवाल खड़े करती हैं।इस संघर्ष का स्थायी समाधान तभी संभव है जब दोनों पक्ष अपनी शर्तों से समझौता करें और शांति के लिए ठोस कदम उठाएं। हालांकि, अभी तक की परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह डील एक नई शुरुआत होगी या फिर महज अस्थायी राहत।निष्कर्षइजराइल और हमास के बीच चल रही जंग ने कई निर्दोष जानें ली हैं और क्षेत्र को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। सीजफायर डील से उम्मीदें जरूर जगी हैं, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों का ईमानदारी से प्रयास करना जरूरी होगा। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह डील क्षेत्र में स्थायी शांति लाएगी या फिर यह भी संघर्ष की एक और कड़ी बनकर रह जाएगी।