- भारत,
- 18-Jun-2025 11:20 AM IST
- (, अपडेटेड 18-Jun-2025 10:02 AM IST)
Donald Trump: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का अमेरिका दौरा इन दिनों भारत में तीखी राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस दौरे और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जनरल मुनीर को लंच पर बुलाने को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह घटना भारत की कूटनीतिक असफलता का प्रतीक है और विदेश नीति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
कांग्रेस का तीखा हमला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा, “जब यह खबर पहले आई थी कि ट्रंप जनरल मुनीर से मिलने वाले हैं, तो बीजेपी समर्थकों और कुछ पत्रकारों ने इसे झूठा प्रचार करार दिया था। आज जब लंच की खबर सच साबित हो गई है, तो सभी चुप हैं। देशभक्ति और सरकारभक्ति के बीच फर्क समझना अब जरूरी हो गया है।”
खेड़ा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जिन लोगों ने कांग्रेस नेताओं को ट्रोल किया था, उन्हें अब माफी मांगनी चाहिए क्योंकि सच सामने आ चुका है।
जयराम रमेश का ‘हाउडी मोदी’ पर कटाक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जयराम रमेश ने भी इस मामले पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का जनरल मुनीर को सम्मान देना भारत के लिए कूटनीतिक झटका है। उन्होंने कहा, “22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े भड़काऊ बयान देने वाला व्यक्ति आज व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ लंच कर रहा है। क्या इसी वजह से ट्रंप ने जी7 सम्मेलन अधूरा छोड़ दिया और पीएम मोदी से मिलने से इनकार कर दिया?”
उन्होंने इसे ‘हाउडी मोदी’ को तिहरा झटका करार देते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति आज संकट में है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चुप्पी बेहद चिंताजनक है।
ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका की भूमिका
जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि ट्रंप कई बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में भूमिका निभाई है, जिसे उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” के अंत के रूप में पेश किया। इसके अलावा, अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल माइकल कुरिल्ला द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों में "अभूतपूर्व भागीदार" कहे जाने पर भी कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।
पीएम और विदेश मंत्रालय की चुप्पी पर सवाल
कांग्रेस लगातार यह सवाल उठा रही है कि एक ऐसे जनरल को अमेरिका में आधिकारिक सम्मान कैसे दिया जा सकता है, जिसके बयानों का संबंध भारत में आतंकी घटनाओं से रहा है। जयराम रमेश ने कहा, “अब वक्त आ गया है कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर इस पर स्पष्ट रुख सामने रखें। चुप्पी अब राष्ट्रहित में नहीं है।”
