- भारत,
- 21-Nov-2025 07:42 AM IST
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में शुक्रवार को तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में हड़कंप मच गया। नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलॉजी के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5. 2 मापी गई है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब दुनिया के कई हिस्सों में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल है।
पाकिस्तान में भूकंप की तीव्रता और समय
नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलॉजी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में यह भूकंप शुक्रवार तड़के 3 बजकर 9 मिनट पर आया। भूकंप का केंद्र धरती के भीतर 135 किलोमीटर की गहराई में स्थित था और इतनी गहराई पर केंद्र होने के बावजूद झटके काफी तेज महसूस किए गए। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक इस भूकंप के कारण किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी सामने नहीं आई है और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।हिंद महासागर और अफगानिस्तान में भी झटके
पाकिस्तान के अलावा, नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलॉजी ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात को अन्य क्षेत्रों में भी भूकंपीय गतिविधियों की सूचना दी है। इसी रात 02:41 मिनट पर हिंद महासागर में भी भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4. 3 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र धरती के 10 किलोमीटर भीतर था। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 1 बजकर 59 मिनट पर भारत के एक और पड़ोसी देश अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और अफगानिस्तान में आए इस भूकंप की तीव्रता 4. 2 रही और इसका केंद्र धरती से 190 किलोमीटर भीतर था। इन लगातार आ रहे भूकंपों ने क्षेत्रीय भूगर्भीय स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।बढ़ती भूकंपीय गतिविधियां और चिंता
बीते कुछ समय से भारत सहित दुनियाभर के विभिन्न देशों में भूकंप की घटनाएं लगातार तेज हो गई हैं। म्यांमार, तुर्की और अफगानिस्तान जैसे देशों में आए भीषण भूकंपों ने हजारों लोगों की जान ली है और बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इन घटनाओं ने लोगों के भीतर भूकंप को लेकर एक गहरा खौफ भर दिया है और वैज्ञानिकों और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों के लिए यह एक चिंता का विषय बन गया है कि इन बढ़ती भूकंपीय गतिविधियों के पीछे क्या कारण हैं और भविष्य में इनसे कैसे निपटा जाए। **भूकंप क्यों आते हैं? पृथ्वी के अंदर कुल 7 टेक्टोनिक प्लेट्स मौजूद रहती हैं। ये सभी 7 टेक्टोनिक प्लेट्स अपनी-अपनी जगह पर लगातार घूमती रहती हैं। हालांकि, कई बार घूमने के दौरान ये टेक्टोनिक प्लेटें फॉल्ट लाइन पर एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। इनके टकराने से जो घर्षण पैदा होता है, उससे भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और जब यह ऊर्जा सतह पर आती है, तो धरती पर भूकंप के झटके महसूस होते हैं। भूकंप की तीव्रता इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी ऊर्जा बाहर निकली है और केंद्र कितनी गहराई पर है।सुरक्षा और तैयारी की आवश्यकता
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए जन जागरूकता और तैयारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकारों और स्थानीय निकायों को भूकंपरोधी इमारतों के निर्माण पर जोर देना चाहिए और लोगों को भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना चाहिए। मॉक ड्रिल और आपातकालीन योजनाओं को नियमित रूप से अभ्यास में लाना चाहिए। ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके।EQ of M: 5.2, On: 21/11/2025 03:09:12 IST, Lat: 36.12 N, Long: 71.51 E, Depth: 135 Km, Location: Pakistan.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 20, 2025
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