Zee News : Jun 20, 2020, 04:14 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान कोरोना (Corona Virus) के साथ ही गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, लेकिन उसके प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के शाही अंदाज में कोई कमी नहीं आई है। हाल ही में इमरान खान की उत्तर-पश्चिमी सिंध स्थित लरकाना की यात्रा के दौरान उनके लिए 135 पारंपरिक व्यंजन परोसे गए। यहां गौर करने वाली बात यह है कि खान कोरोना संक्रमित मरीजों से भरे अस्पतालों के कामकाज की समीक्षा करने के लिए गए थे। सिंध सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावितों इलाकों में से एक है।
मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अस्पतालों का जायजा लेने गए प्रधानमंत्री के काफिले में कम से कम 37 प्रोटोकॉल वाहन शामिल थे। कोरोना महामारी से निपटने के लिए पाकिस्तान में जरूरी स्वास्थ्य संसाधनों की भारी कमी है और खाद्य क्षेत्र में भी उसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। लेकिन इमरान खान को इन सबसे कोई मतलब नहीं, उनके शाही अंदाज में कोई कमी नहीं आई है। सत्ता में आते वक्त इमरान खान ने 'नए पाकिस्तान' के निर्माण का वादा किया था। उन्होंने भ्रष्टाचार को समाप्त करने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा था कि वह सेना नहीं बल्कि जनता के लिए काम करेंगे, लेकिन उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया। प्रधानमंत्री बनते ही उन्हें अपना वेतन कम नजर आने लगा। उन्होंने आम नागरिकों के स्थान पर सेना के जनरलों को सरकार में उच्च पदों पर बैठाना शुरू कर दिया। इमरान ने अपने मंत्रियों के भ्रष्टाचार पर भी चुप्पी साधे रखी। इतना ही नहीं कोरोना से मुकाबले के लिए मिली आर्थिक सहायता राशि को उन्होंने बिलों का भुगतान करने में खर्च कर दिया।
जनता के साथ सहयोगी भी नाराजइमरान खान से केवल जनता ही परेशान नहीं है, उनके सहयोगी भी अब नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल (Sardar Akhtar Mengal) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से हटने की घोषणा की है। उनका कहना है कि PTI सहयोगियों के साथ हुए समझौते को लागू करने में विफल रही है, और बलूचिस्तान के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है।
खतरे में पड़ सकती है सरकारइमरान खान की गठबंधन सरकार के पास अब तक 184 सीटें थीं, लेकिन इस घोषणा के बाद वह घटकर 180 हो गई हैं। यह एक तरह से इमरान खान के लिए संकेत है कि उनकी गठबंधन सरकार भविष्य में खतरे में पड़ सकती है। पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए न्यूनतम 172 सीटों की आवश्यकता होती है। इसलिए, यदि कोई अन्य गठबंधन सहयोगी इमरान का साथ छोड़ता तो उन्हें सदन में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।
भारत के खिलाफ चीन जैसी चालअंदरूनी परेशानियों के जूझने के बावजूद इमरान खान भारत से उलझ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा रहा है। 7 जून से, पाकिस्तान ने कई बार भारतीय गांवों और सैन्य चौकियों को निशाना बनाया है। रामपुर, केरन और तंगधार (Rampur, Keran,Tangdhar) सेक्टरों में उसकी तरफ से अकारण गोलीबारी हुई है। संघर्ष विराम उल्लंघन के इस पैटर्न से कहीं न कहीं यह साफ होता है कि पाकिस्तान भारत को उकसाने के लिए चीन जैसी चाल चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अस्पतालों का जायजा लेने गए प्रधानमंत्री के काफिले में कम से कम 37 प्रोटोकॉल वाहन शामिल थे। कोरोना महामारी से निपटने के लिए पाकिस्तान में जरूरी स्वास्थ्य संसाधनों की भारी कमी है और खाद्य क्षेत्र में भी उसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। लेकिन इमरान खान को इन सबसे कोई मतलब नहीं, उनके शाही अंदाज में कोई कमी नहीं आई है। सत्ता में आते वक्त इमरान खान ने 'नए पाकिस्तान' के निर्माण का वादा किया था। उन्होंने भ्रष्टाचार को समाप्त करने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा था कि वह सेना नहीं बल्कि जनता के लिए काम करेंगे, लेकिन उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया। प्रधानमंत्री बनते ही उन्हें अपना वेतन कम नजर आने लगा। उन्होंने आम नागरिकों के स्थान पर सेना के जनरलों को सरकार में उच्च पदों पर बैठाना शुरू कर दिया। इमरान ने अपने मंत्रियों के भ्रष्टाचार पर भी चुप्पी साधे रखी। इतना ही नहीं कोरोना से मुकाबले के लिए मिली आर्थिक सहायता राशि को उन्होंने बिलों का भुगतान करने में खर्च कर दिया।
जनता के साथ सहयोगी भी नाराजइमरान खान से केवल जनता ही परेशान नहीं है, उनके सहयोगी भी अब नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल (Sardar Akhtar Mengal) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से हटने की घोषणा की है। उनका कहना है कि PTI सहयोगियों के साथ हुए समझौते को लागू करने में विफल रही है, और बलूचिस्तान के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है।
खतरे में पड़ सकती है सरकारइमरान खान की गठबंधन सरकार के पास अब तक 184 सीटें थीं, लेकिन इस घोषणा के बाद वह घटकर 180 हो गई हैं। यह एक तरह से इमरान खान के लिए संकेत है कि उनकी गठबंधन सरकार भविष्य में खतरे में पड़ सकती है। पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए न्यूनतम 172 सीटों की आवश्यकता होती है। इसलिए, यदि कोई अन्य गठबंधन सहयोगी इमरान का साथ छोड़ता तो उन्हें सदन में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।
भारत के खिलाफ चीन जैसी चालअंदरूनी परेशानियों के जूझने के बावजूद इमरान खान भारत से उलझ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा रहा है। 7 जून से, पाकिस्तान ने कई बार भारतीय गांवों और सैन्य चौकियों को निशाना बनाया है। रामपुर, केरन और तंगधार (Rampur, Keran,Tangdhar) सेक्टरों में उसकी तरफ से अकारण गोलीबारी हुई है। संघर्ष विराम उल्लंघन के इस पैटर्न से कहीं न कहीं यह साफ होता है कि पाकिस्तान भारत को उकसाने के लिए चीन जैसी चाल चल रहा है।