दुनिया / अरब सागर में और कमजोर होगा पाकिस्तान, जर्मनी के इनकार के बाद बढ़ा इस बर्बादी का खतरा

Zee News : Aug 26, 2020, 09:31 AM
नई दिल्ली: दुनिया जानती है कि पाकिस्तान (Pakistan) अपनी सरजमीं पर आतंकियों को सुरक्षित शरण देने के लिए बदनाम है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की चेतावनी को अनसुना करके पुराने ढर्रे पर चलना उसे एक बार फिर महंगा पड़ गया। दरअसल जर्मनी (Germany) ने पाकिस्तान को उसकी पनडुब्बियों (submarine) के आधुनिकीकरण में मदद देने से साफ इनकार कर दिया है।

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल (German Chancellor Angela Merkel) की अध्यक्षता वाली फेडरल सिक्योरिटी काउंसिल (Fedral security council) ने तय किया है कि जर्मनी पाकिस्तान की पनडुब्बियों के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम्स नहीं देगा।


एआईपी सिस्टम क्या है?

एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP), पनडुब्बियों की निर्भरता वायुमंडलीय हवा पर कम करता है। सामान्य तौर पर पारंपरिक डीजल इलेक्ट्रिक इंजन वाली पनडुब्बियों को ईंधन दहन के लिए जरूरी ऑक्सीजन के लिए रोजाना सतह पर आना पड़ता है। एक पनडुब्बी सबसे कमजोर स्थिति में उस दौरान होती है, जब वो सतह पर आती है और दुश्मन उसका आसानी से पता लगा सकता है। एआईपी किसी भी पनडुब्बी के इंजन को बिना वायुमंडलीय हवा के भी एक हफ्ते तक चलाए रख सकता है। इसका मतलब इस दौरान कोई पनडुब्बी बिना सतह पर आए पानी के अंदर लंबे समय तक रह सकती है। 

अभेद है भारत की समुद्री शक्ति 

इंडियन नेवी के पास भारत में विकसित किया गया अपना एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन यानी एआईपी है। जिसे नेवल मेटीरियल रिसर्च लेबोरेटरी (Neval meterial reserch lab) ने विकसित किया था। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक जर्मनी का पाकिस्तान को दिया ये झटका पाकिस्तानी नौसेना की पनडुब्बियों की क्षमता पर बहुत बुरा असर डालेगा।


इसलिए हुई किरकिरी

ये भी माना जा रहा है कि जर्मनी ने पाकिस्तान को ये झटका इसलिए दिया है क्योंकि वो अभी तक जर्मन दूतावास पर हुए आतंकी हमले के अपराधियों को सजा नहीं दे सका है। 2017 में काबुल में जर्मन दूतावास की इमारत पर हुए आतंकी हमले में 150 लोग मारे गए थे। आतंकी हमले में हक्कानी नेटवर्क का हाथ माना गया था जो पाकिस्तान में पूरी तरह एक्टिव है।

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