देश / लोकसभा में देर रात पास हुआ महामारी विधेयक, राज्‍यसभा से निलंबित 8 सांसदों का धरना लगातार जारी

News18 : Sep 22, 2020, 07:26 AM
नई दिल्‍ली। संसद में मॉनसून सत्र (Monsoon session parliament) के तहत लोकसभा की कार्यवाही सोमवार देर रात तक चली। इस दौरान महामारी संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई। वहीं दूसरी ओर राज्‍यसभा से सोमवार को निलंबित किए गए 8 सांसदों का धरना संसद परिसर में अभी भी जारी है। इन सांसदों ने पूरी रात धरना दिया और इनके अनुसार आगे की रणनीति मंगलवार को राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद तय की जाएगी।

सोमवार को देर रात तक चली लोकसभा में महामारी संशोधन बिल को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को संरक्षण देने का प्रस्‍ताव है। वहीं इस पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार इस दिशा में राष्‍ट्रीय सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य अधिनियम बनाने पर भी काम कर रही है। उनके अनुसार इस बारे में कानून विभाग ने राज्‍यों के भी विचार जानने का सुझाव दिया था। इस बारे में और जानकारी देते हुए डॉ। हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले दो साल में हमें सिर्फ चार राज्‍यों से इस संबंध में सुझाव मिले हैं। इनमें मध्‍य प्रदेश, त्रिपुरा, गोवा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार ने राज्‍यों के साथ मिलकर कोरोना महामारी के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया।

कोरोना के इस काल में देश की संसद आसामान्य रूप से काम कर रही है। रात 12 बजे लोकसभा में भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक पर चर्चा चल रही थी। लोकसभा स्पीकर ओम बिडला सदन का संचालन कर रहे थे। वहीं कुछ ही दूरी पर गांधी प्रतिमा के पास राज्यसभा से एक हफ्ते के लिए निलंबित विपक्षी सांसदों का धरना चल रहा था। शाम को ही सांसदों ने रात भर धरना करने की अपनी मंशा जाहिर कर दी थी, जब सांसदों के घर से चादर और तकिए मंगवा लिए गए थे। देर शाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फोन अपने निलंबित सांसद के पास आया। उन्होंने धरने पर बैठे लगभग सभी विपक्षी सांसदों से बात की और इस आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया।

सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे सांसदों के घरों से उनके लिए भोजन आया। सांसद त्रिची शिवा के घर से दक्षिण भारतीय भोजन आया तो सांसद संजय सिंह की पत्नी अनिता सिंह भी भोजन और फल लेकर संसद पहुंच गईं। सभी सांसदों ने वहीं अपने अस्थाई धरना स्थल पर भोजन किया। इस दौरान सितंबर के महीने में भी दिल्ली में गर्मी बनी हुई है। इसे देखते हुए संसद के सुरक्षा विभाग ने वहाँ पंखों की व्यवस्था कर दी। किसी भी आपात जरूरत को देखते हुए डॉक्टर की भी व्यवस्था की गई थी।

बहरहाल पक्ष और विपक्ष के तेवर को देख कर लग रहा है कि अभी ये मामला लंबा चलेगा। सांसद संजय सिंह ने माना कि रविवार को राज्यसभा में कुछ ऐसी घटना हुई, जो नहीं होनी चाहिए थी। हालांकि उन्होंने सरकार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि नियम कहता है कि अगर एक भी सांसद मत विभाजन की मांग करता है, तो सभापति को उसे स्वीकार करना चाहिए। लेकिन सरकार के पास जरूरी नंबर नहीं थे, इस कारण जबरदस्ती बिलों को पास कराया गया

वहीं सरकार का इस मसले पर साफ कहना है कि विपक्ष ने संसदीय मर्यादाओं को तार तार किया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष ने अचानक हंगामा शुरू कर दिया। उप सभापति हरिवंश जी ने 13 बार अनुरोध किया कि सभी अपनी सीटों पर बैठ जाएं, लेकिन वो नहीं माने। इस दौरान ना सिर्फ कागज फाड़े गए, मेज पर सांसद चढ़ गए बल्कि अगर मार्शल नहीं रोकते तो उप सभापति पर शारीरिक हमला भी हो जाता। उन्होंने दावा किया कि सरकार के पक्ष में 110 सांसद था, जबकि विपक्ष में सिर्फ 72, जाहिर है कि विपक्ष का सिर्फ एकमात्र एजेंडा था कि बिलों को पास नहीं होने देना।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER