निर्भया गैंगरेप / वारदात के वक्त नाबालिग नहीं था निर्भया का दोषी पवन, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

Live Hindustan : Jan 20, 2020, 03:42 PM
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाए एक दोषी पवन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 20 जनवरी को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी पवन की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने दावा किया था कि वारदात के वक्त वह नाबालिग था। याचिका में दोषी मुकेश ने नाबालिग होने के दावे को हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब उसके फांसी का रास्ता भी साफ हो गया है।

- निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी पवन की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। पवन ने दावा किया था कि वह घटना के वक्त नाबालिग था।

- निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, घटना के वक्त नहीं था नाबालिग

- कुछ देर में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

-निर्भया केस: निर्भया केस के दोषी पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दोपहर 2.30 बजे सुनाएगा। 

-निर्भया के दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जब दिल्ली गैंगरेप की वारदात हुई थी, तब उसकी उम्र 17 साल, 1 महीने और 20 दिन थी। इसलिए इस केस में उसे नाबालिग माना जाए।

-निर्भया के दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यी जजों की बेंच के सामने बहस शुरू की। इस दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि 9 जुलाई 2018 को आपकी (पवन) की याचिका को इस कोर्ट ने खारिज कर दिया था। मगर अब आप कौन सी नई सूचना लेकर यहां आए हैं, यह कहां तक ठहरेगा?

-निर्भया के दोषी के वकील ने कहा कि वारदात के वक्त पवन कुमार गुप्ता नाबालिग था। हाईकोर्ट ने गलत तरीके से याचिका खारिज की। 

बता दें कि न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई की। गुप्ता ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दिसंबर 2012 में अपराध के वक्त वह नाबालिग था, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इसके बाद गुप्ता ने शुक्रवार (17 जनवरी) को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को चारों दोषियों-विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन- की मौत की सजा पर एक फरवरी को अमल करने के लिये नये सिरे से आवश्यक वारंट जारी किये थे। 

निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। 

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