G20 Johannesburg / जोहान्सबर्ग में पीएम मोदी ने भारतीय मूल के टेक उद्यमियों से की मुलाकात, भारत के साथ गहरे जुड़ाव का आह्वान

जोहान्सबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मूल के टेक उद्यमियों से मुलाकात की। उन्होंने फिनटेक, सोशल मीडिया, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मेडिकल डिवाइस जैसे क्षेत्रों में उनके काम की सराहना की और उन्हें भारत के साथ अपने जुड़ाव को और गहरा करने के लिए प्रेरित किया।

जोहान्सबर्ग में चल रहे प्रतिष्ठित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मूल के टेक उद्यमियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस मुलाकात का उद्देश्य भारत के साथ उनके जुड़ाव को मजबूत करना और विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशना था। प्रधानमंत्री ने इन उद्यमियों को भारत के विकास पथ में सक्रिय रूप से योगदान करने के। लिए प्रेरित किया, जिससे वैश्विक मंच पर भारत की तकनीकी क्षमता और नवाचार को बढ़ावा मिल सके। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में अपनी पहचान बना रहा है और प्रवासी भारतीयों की विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहता है।

भारत के साथ जुड़ाव गहरा करने का आह्वान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जोहान्सबर्ग में भारतीय मूल के टेक उद्यमियों के साथ एक ‘फलदायी बातचीत’ की, जैसा कि उन्होंने स्वयं एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया। इस बातचीत के दौरान, उन्होंने उद्यमियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों और पहलों पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से फिनटेक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मेडिकल डिवाइस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके नवाचारों और योगदानों की सराहना की। यह मुलाकात भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर भारतीय प्रतिभा को पहचानने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपनी बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के इन टेक उद्यमियों। से भारत के साथ अपने जुड़ाव को और गहरा करने का स्पष्ट आह्वान किया। उन्होंने उनसे भारत के लोगों के साथ मिलकर काम करने और देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया और प्रधानमंत्री का यह संदेश प्रवासी भारतीयों की विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाने की भारत की रणनीति का हिस्सा है, ताकि देश के भीतर नवाचार और तकनीकी प्रगति को गति मिल सके। यह आह्वान न केवल आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करेगा, जिससे भारत एक वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में उभरेगा।

उद्यमियों का कार्यक्षेत्र और नवाचार

बैठक में शामिल टेक उद्यमियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उल्लेखनीय पहलें प्रस्तुत कीं। फिनटेक के क्षेत्र में, उन्होंने वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ और कुशल बनाने के लिए डिजिटल समाधानों पर चर्चा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के विकास में उनकी भूमिका ने वैश्विक संचार और कनेक्टिविटी को नया आयाम दिया है। कृषि क्षेत्र में, उन्होंने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आजीविका में सुधार के तरीकों पर प्रकाश डाला। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी, उद्यमियों ने नवाचारी समाधान प्रस्तुत किए, जो इन सेवाओं को अधिक प्रभावी और व्यापक बना सकते हैं। मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र में उनके योगदान ने स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की क्षमता प्रदर्शित की।

'एक्सप्लर्जर' के संस्थापक जतिन भाटिया का अनुभव

इस बैठक में शामिल आठ उद्यमियों में से एक, जतिन भाटिया ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी मुलाकात का अनुभव साझा किया और भाटिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्सप्लर्जर’ (Expulger) के संस्थापक हैं, जिसे 2021 में भारत में लॉन्च किया गया था। उन्होंने बताया कि 'एक्सप्लर्जर' दुनिया का पहला यात्रियों के लिए प्लेटफॉर्म है, जिस पर 75 देशों के 2 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। भाटिया ने इस विस्तृत बैठक को 'बहुत अच्छी' बताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने उनके काम में गहरी दिलचस्पी दिखाई और उनकी यह प्रतिक्रिया इस बात पर जोर देती है कि प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से उद्यमियों के नवाचारों को समझने का प्रयास किया।

पीएम मोदी का दूरदर्शी दृष्टिकोण

जतिन भाटिया ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बातचीत का वर्णन करते हुए कहा कि उन्हें। ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि वे किसी राजनीतिक नेता या राष्ट्राध्यक्ष से बात कर रहे हैं। इसके बजाय, प्रधानमंत्री ने एक साथी टेक-उद्यमी की तरह बात की, तकनीक को लेकर बिल्कुल सही सवाल पूछे और दूरदर्शी सुझाव दिए और भाटिया ने बताया कि प्रधानमंत्री का विजन पर्यटन को बढ़ावा देना है और वे इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में गहरी रुचि रखते हैं। भाटिया ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे दूरदर्शी व्यक्ति के हाथ में देश की बागडोर होने से उन्हें बहुत खुशी हुई और यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री न केवल नीति-निर्माता हैं, बल्कि नवाचार और प्रौद्योगिकी के प्रति गहरी समझ भी रखते हैं।

जी-20 शिखर सम्मेलन और ग्लोबल साउथ पर भारत का फोकस

प्रधानमंत्री मोदी 21 से 23 नवंबर तक इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा। लेंगे, जो वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है। यह शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह अफ्रीकी महाद्वीप पर आयोजित होने वाला पहला जी-20 शिखर सम्मेलन है। प्रधानमंत्री इस मंच पर भारत और ग्लोबल साउथ से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जो विकासशील देशों की चिंताओं और आकांक्षाओं को वैश्विक एजेंडे में लाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह दक्षिण अफ्रीका की उनकी चौथी आधिकारिक यात्रा होगी, जो 2016 में द्विपक्षीय यात्रा और 2018 तथा 2023 में दो ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों में उनकी भागीदारी के बाद हुई है।

दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता और जी-20 का महत्व

यह शिखर सम्मेलन ग्लोबल साउथ द्वारा लगातार चौथा जी-20 सम्मेलन है, जिसकी मेजबानी इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील के बाद अब दक्षिण अफ्रीका कर रहा है। यह प्रवृत्ति वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव और विकासशील देशों की बढ़ती आवाज को दर्शाती है और दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के तहत, 'सॉलिडैरिटी, इक्वालिटी, सस्टेनेबिलिटी' की थीम के साथ, इस मंच ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को चिह्नित किया है। जी-20 में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 85 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 75 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करती हैं, जिससे इसके निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालते हैं।