India-Russia Relation / पुतिन ने US के साथ युद्ध पर वार्ता से पहले भारत-चीन को किया अपडेट, PM मोदी के बाद जिनपिंग से की बात

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमेरिका से वार्ता से पहले पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को यूक्रेन युद्ध की जानकारी दी। पुतिन-शी ने रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया, वहीं मोदी ने शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन दोहराया। यह बातचीत आगामी रूस-अमेरिका शिखर सम्मेलन से पहले हुई।

India-Russia Relation: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के साथ आगामी शिखर सम्मेलन से पहले अपने दो महत्वपूर्ण सहयोगी देशों, भारत और चीन, को ताजा अपडेट दिया है। शुक्रवार को पुतिन ने सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बातचीत की और इसके बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ चर्चा की। यह बातचीत उस समय हुई जब पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ यूक्रेन युद्ध के भविष्य को लेकर चर्चा की तैयारी कर रहे हैं।

पुतिन और शी जिनपिंग की बातचीत

चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, पुतिन ने शी जिनपिंग को यूक्रेन संकट की वर्तमान स्थिति और रूस-अमेरिका के बीच हाल के संपर्कों के बारे में विस्तार से बताया। यह फोन कॉल पुतिन के अनुरोध पर हुई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से पुतिन पर दबाव है कि वे फरवरी 2024 में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध को समाप्त करें ताकि क्षेत्रीय दावों को मजबूत किया जा सके। अमेरिकी रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप चाहते हैं कि पुतिन युद्धविराम पर सहमति दें, जिसके बाद शांति समझौता हो सके। यह शिखर सम्मेलन योजना तब सामने आई जब ट्रंप के विशेष दूत स्टीवन विटकॉफ़ ने मास्को में पुतिन से लंबी बैठक की।

शी जिनपिंग ने पुतिन को आश्वासन दिया कि चीन यूक्रेन संकट पर अपनी तटस्थ स्थिति बनाए रखेगा और शांति वार्ताओं को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, "जटिल समस्याओं के सरल समाधान नहीं होते," और चीन की नीतियों को विस्तार से समझाया। शी ने यह भी कहा कि रूस और अमेरिका के बीच संपर्क और संबंधों में सुधार को देखकर चीन संतुष्ट है। दोनों नेताओं ने रूस-चीन संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।

पुतिन और मोदी की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पुतिन के साथ फोन पर विस्तृत बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई। पुतिन ने मोदी को यूक्रेन युद्ध की ताजा स्थिति से अवगत कराया, जबकि मोदी ने इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के दृढ़ रुख को दोहराया। यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब ट्रंप ने रूस से तेल आयात जारी रखने के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया था। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, "मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। मैंने यूक्रेन पर नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराने के लिए उनका धन्यवाद किया।"

रूस-चीन की रणनीतिक साझेदारी

पुतिन और शी जिनपिंग ने 2013 से व्यक्तिगत मित्रता स्थापित की है, जिसने रूस-चीन संबंधों को रणनीतिक दिशा दी है। दोनों देशों ने राजनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ाया है, जो अमेरिका और यूरोपीय संघ की वैश्विक प्रभुता के लिए चुनौती बन रहा है। चीन रूस का सबसे बड़ा तेल और गैस खरीदार बन गया है। हालांकि, चीन ने यूक्रेन युद्ध में रूस को हथियार सप्लाई करने के आरोपों से इनकार किया है और इस मुद्दे पर रणनीतिक अस्पष्टता बरती है।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन

पुतिन के अगस्त के अंत में तियानजिन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है। यह सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होगा। पुतिन ने कहा कि रूस-चीन की रणनीतिक साझेदारी किसी भी परिस्थिति में अपरिवर्तित रहेगी। इसके बाद, 3 सितंबर को पुतिन बीजिंग में चीन की सैन्य परेड में शामिल हो सकते हैं, जो जापानी आक्रमण और विश्व एंटी-फासीवादी युद्ध में चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित होगी। इस सम्मेलन में पीएम मोदी के भी शामिल होने की संभावना है।