बिहार के सियासी रण में इंडिया और एनडीए दोनों गठबंधनों की ओर से धुआंधार चुनाव. प्रचार जारी है, जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. इसी कड़ी में, राहुल गांधी ने बुधवार को दरभंगा में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया, जहां उन्होंने बिहार के विकास और सामाजिक न्याय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. इस दौरान उन्होंने एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला और महागठबंधन के लिए जनता का समर्थन मांगा.
NDA पर सीधा हमला और नीतीश कुमार पर आरोप
राहुल गांधी ने अपनी जनसभा में एनडीए सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिमोट कंट्रोल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हाथ में है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 20 सालों से बिहार की जनता को झूठे वादे किए जा रहे हैं, जबकि राज्य की शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणालियां पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं और राहुल ने सवाल उठाया कि जब हिंदुस्तान में सड़कें, फ्लाइओवर और पुल बनते हैं, तो उसमें बिहार के युवाओं का श्रम होता है, लेकिन यही युवा अपने राज्य में विकास क्यों नहीं देख पा रहे हैं? उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में क्षमता और ऊर्जा की कोई कमी. नहीं है, लेकिन वर्तमान सरकार उन्हें अवसर प्रदान करने में विफल रही है.
महागठबंधन का विकास मॉडल और समावेशी सरकार का संकल्प
कांग्रेस सांसद ने जनता से वादा किया कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो यह हर धर्म और हर जाति की सरकार होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार बिहार को विकास की पटरी पर लाएगी, जहां हर वर्ग के लिए जगह होगी और सभी का सम्मान किया जाएगा. राहुल गांधी ने विशेष रूप से अतिपिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए एक ‘स्पेशल मेनिफेस्टो’ लागू. करने का संकल्प लिया, जिसे उन्होंने इस वर्ग के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया. यह घोषणापत्र अतिपिछड़ा वर्ग के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने. और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए विशिष्ट योजनाएं और नीतियां पेश करेगा.
बिहार के युवाओं का योगदान और राज्य में अवसरों की कमी
राहुल गांधी ने अपने भाषण में बिहार के युवाओं की कड़ी मेहनत और उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि देश भर में जब भी कोई बड़ा निर्माण कार्य होता है, चाहे वह सड़क हो, पुल हो या कोई इमारत, उसमें बिहार के श्रमिकों और युवाओं का महत्वपूर्ण हाथ होता है और हालांकि, उन्होंने दुख व्यक्त किया कि यही युवा अपने गृह राज्य बिहार में अवसरों की कमी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि जब बिहार के लोग अन्य प्रदेशों के निर्माण में सहायक हो सकते हैं, तो उन्हें अपने ही राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर क्यों नहीं मिल रहा है? यह सवाल बिहार की पलायन समस्या और बेरोजगारी पर एक सीधा प्रहार था.
जमीन आवंटन और उद्योगपतियों को प्राथमिकता
बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए राहुल गांधी ने जमीन आवंटन के मुद्दे पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जब अडानी और अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को जमीन चाहिए होती है, तो सरकार को तुरंत मिल जाती है, लेकिन जब किसानों के बच्चों को अपना कारखाना खोलने के लिए जमीन की जरूरत होती है, तो अमित शाह कहते हैं कि बिहार में जमीन नहीं है. यह आरोप सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करता है और दर्शाता है कि सरकार बड़े कॉर्पोरेट्स को छोटे और मध्यम उद्यमों या किसानों से अधिक महत्व देती है.
प्रधानमंत्री मोदी और उद्योगपतियों का संबंध
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उन्होंने कहा कि मोदी जी वोट के लिए स्टेज पर आकर डांस भी कर लेंगे और चुनाव से पहले जनता की हर बात मानेंगे. लेकिन चुनाव के बाद वे अंबानी की शादी में दिखाई देंगे और सूट-बूट वालों के साथ होंगे, किसानों और मजदूरों के साथ नहीं और राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि नरेंद्र मोदी, अडानी-अंबानी के ‘औजार’ हैं और जनता को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे उनके चुने हुए प्रधानमंत्री हैं, बल्कि वे इन बड़े उद्योगपतियों के लिए रास्ता खोलते हैं. यह बयान प्रधानमंत्री पर उद्योगपतियों के पक्ष में काम करने का आरोप लगाता है और उनकी नीतियों को जनता के बजाय कुछ खास वर्गों के हितों से जोड़ता है. राहुल गांधी ने दरभंगा की जनता से आग्रह किया कि वे महागठबंधन को मजबूत करें ताकि बिहार को सही मायने में विकास और सम्मान मिल सके.