AMAR UJALA : Sep 10, 2020, 09:12 AM
Delhi: कोरोना महामारी और इसके चलते देश में लागू किए गए लॉकडाउन से रेलवे की कमाई पर बुरा असर पड़ा है। रेलवे के माल ढुलाई से होने वाले राजस्व में भी कमी आई है। रेलवे को कोरोना महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने में नौ महीने अधिक लग सकते हैं। एक सर्वे के मुताबिक, ऐसी उम्मीद है कि रेलवे को माल ढुलाई से प्राप्त होने वाला राजस्व अगले चार से पांच महीने में पटरी पर लौट सकता है, जबकि यात्री किराये से मिलने वाले राजस्व को कोरोना के प्रभाव से बाहर निकलने में नौ महीने से अधिक का समय लग सकता है। अग्रणी प्रबंधन परामर्श व सलाहकार कंपनी प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस और जेटवर्क के संयुक्त सर्वे में देश के परिवहन सेक्टर में कोरोना के प्रभाव का आकलन किया गया है।इसके अनुसार, वर्ष 2019-24 के बीच रेलवे का अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर 10-12 प्रतिशत के बीच रह सकती है। कोरोना के चलते राजस्व में आई कमी की वजह से रेलवे की वर्तमान में चल रही और कुछ नई परियोजनाओं में देरी हो सकती है। कोविड-19 का अल्पावधि में कच्चे माल, उपकरण, श्रम की उपलब्धता और कार्यशील पूंजी को प्रभावित करेगा।राजस्व में आई कमी की वजह से रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का काम भी प्रभावित हो सकता है। प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस के निदेशक आर्यमान टंडन ने बताया कि सरकार ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) प्रोजेक्ट पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है।