Rajasthan News / सरदारशहर में ACB की बड़ी कार्रवाई, सरकारी अधिकारी 90 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

राजस्थान के सरदारशहर तहसील कार्यालय में एसीबी ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी निर्मल सोनी को कृषि भूमि के नामांतरण के लिए 90 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एसीबी मुख्यालय जयपुर के निर्देश पर की गई।

सरदारशहर तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सहायक प्रशासनिक अधिकारी निर्मल सोनी को 90 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी उस समय की गई जब सोनी एक परिवादी से कृषि भूमि के नामांतरण के एवज में रिश्वत ले रहे थे। इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक बार फिर से लगाम कसने का संदेश गया है। एसीबी की इस कार्रवाई ने सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम। उठाया है, जिससे आम जनता में विश्वास बढ़ता है कि उनके जायज कामों के लिए उन्हें रिश्वत नहीं देनी पड़ेगी।

रिश्वत की मांग और शिकायत

परिवादी अंजनी सोनी ने एसीबी मुख्यालय जयपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत के अनुसार, उन्होंने अपनी कृषि भूमि के नामांतरण के लिए सरदारशहर तहसील कार्यालय में आवेदन किया था और इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सहायक प्रशासनिक अधिकारी निर्मल सोनी ने उनसे एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। प्रारंभिक बातचीत और मोलभाव के बाद, रिश्वत की राशि 90 हजार रुपये पर तय हुई थी। अंजनी सोनी ने इस अनुचित मांग के खिलाफ खड़े होने का फैसला किया और सीधे एसीबी से संपर्क कर न्याय की गुहार लगाई। यह दर्शाता है कि आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने में हिचकिचा नहीं रहे हैं।

एसीबी की गोपनीय जांच और सफल ट्रैप

शिकायत मिलने के बाद, एसीबी ने मामले की प्रारंभिक जांच और गोपनीय सत्यापन किया। इस सत्यापन में यह पुष्टि हुई कि आरोपी निर्मल सोनी ने खुद के नाम पर और तहसीलदार के नाम पर भी रिश्वत की मांग स्वीकार की थी। पुख्ता सबूत मिलने के बाद, एसीबी टीम ने सोमवार को एक सुनियोजित ट्रैप कार्रवाई का जाल बिछाया। जैसे ही परिवादी ने निर्मल सोनी को 90 हजार रुपये दिए, एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया। रिश्वत की राशि आरोपी ने अपनी पैंट की बाईं जेब में रखी थी, जिसे तत्काल बरामद कर लिया गया। एसीबी की इस त्वरित और सटीक कार्रवाई ने भ्रष्टाचारी अधिकारी को बच निकलने का कोई मौका नहीं दिया।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई

इस पूरी कार्रवाई को पुलिस उपाधीक्षक साबिर खान और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी निर्मल सोनी के खिलाफ। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद, आरोपी से गहन पूछताछ की जा रही है और उसके बैंक खातों व संपत्ति की भी जांच की जा सकती है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस भ्रष्टाचार में कोई और भी शामिल है या नहीं और क्या यह अकेला मामला है या यह एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। इस तरह की कार्रवाई से सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ों तक पहुंचने में मदद मिलती है।

सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर लगाम

यह कार्रवाई एक बार फिर यह दर्शाती है कि सरकारी कार्यालयों में आम जनता। को अपने जायज काम करवाने के लिए भी रिश्वत का सहारा लेना पड़ता है। एसीबी की यह लगातार कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है। सरकार और प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कदम अत्यंत आवश्यक हैं। जनता से भी अपील की जाती है कि वे किसी भी तरह की रिश्वत की मांग होने पर तत्काल एसीबी से संपर्क करें और निडर होकर शिकायत दर्ज कराएं, क्योंकि उनकी सक्रिय भागीदारी ही भ्रष्टाचार को समाप्त करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

आगे की जांच और संभावित प्रभाव

एसीबी टीम अब इस मामले की गहराई से जांच करेगी। इसमें यह भी देखा जाएगा कि क्या निर्मल सोनी पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहे हैं और क्या उनके कोई अन्य सहयोगी भी हैं। इस कार्रवाई का अन्य सरकारी कर्मचारियों पर भी मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा, जिससे वे भ्रष्टाचार से दूर रहने के लिए प्रेरित होंगे और यह मामला सरदारशहर और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग एसीबी की इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं, उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसे कदम भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि एक स्वच्छ और ईमानदार प्रशासन स्थापित हो सके।