राजस्थान की राजनीति में इन दिनों राज्य सरकार के दो साल पूरे होने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी जारी है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए इसे एक 'ड्रामा' करार दिया है, जबकि मुख्यमंत्री शर्मा ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विकास के नए आयाम छूने का दावा किया है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज से ठीक दो साल पहले, आज ही के दिन एक 'ड्रामा' हुआ था. उन्होंने आरोप लगाया कि एक 'पर्ची' के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री का जन्म हुआ था, जो दिल्ली से आई थी. डोटासरा ने आगे कहा कि आज फिर उसी 'पर्ची' ने दिल्ली. से आई एक और 'पर्ची' पढ़कर एक नया 'ड्रामा' किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपेक्षा की कि वे इन दो सालों की उपलब्धियां बताने के बजाय उन वादों पर बात करें जो प्रधानमंत्री और भाजपा के तमाम नेताओं ने जनता से किए थे और डोटासरा के इस बयान ने मुख्यमंत्री की नियुक्ति प्रक्रिया और सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है.
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और घटती सुविधाएं
डोटासरा ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में स्वास्थ्य के हालात अच्छे नहीं हैं और जनता को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. कांग्रेस नेता ने बताया कि पहले जो बीमा मिलता था, उसकी रकम कम कर दी गई है, जिससे आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और भी मुश्किल हो गई है. इसके अलावा, उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) की संख्या में कमी आने का भी जिक्र किया, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. यह स्थिति ग्रामीण आबादी के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि ये केंद्र ही उनकी प्राथमिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं.
किसानों की खाद समस्या और लाठीचार्ज
कृषि क्षेत्र में किसानों की समस्याओं को उठाते हुए डोटासरा ने कहा कि किसान खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगने को मजबूर हैं. उन्होंने नोटबंदी के दौरान लोगों को नोटों के लिए लाइन में लगते हुए देखने का जिक्र करते हुए. कहा कि अब किसानों को खाद के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है, जो एक गंभीर स्थिति है. डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि किसान लाठीचार्ज का सामना कर. रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है. उन्होंने राज्य के कृषि मंत्री के बयान का हवाला दिया, जिसमें मंत्री ने खुद स्वीकार किया था कि किसानों की समस्या जायज है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि बात उन तक नहीं पहुंची. यह बयान सरकार के भीतर समन्वय और किसानों की समस्याओं को समझने की क्षमता पर सवाल उठाता है और डोटासरा ने आधार कार्ड की निगरानी के लिए भी मजदूर रखने पड़ने की बात कही, जो प्रशासनिक अक्षमता का एक और उदाहरण प्रतीत होता है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विकास का दावा
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के दो साल पूरे होने पर एक सकारात्मक तस्वीर पेश की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सुशासन, विकास और विश्वास के दो साल पूरे हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को ओटीएस के भगवत सिंह मेहता सभागार में आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग में ये दावे किए. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखते हुए कहा कि उनकी सरकार ने इन दो सालों में प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाया है और जनता के विश्वास को कायम रखा है. इस प्रेस ब्रीफिंग का उद्देश्य सरकार के कार्यकाल की प्रमुख सफलताओं और भविष्य की. योजनाओं को उजागर करना था, ताकि जनता को सरकार के कामकाज की जानकारी मिल सके.
70% वादे पूरे और 'बेस्ट परफॉर्मर' राज्य
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार की कार्यप्रणाली की दक्षता पर जोर देते हुए दावा किया कि. पांच साल के वादों में से 70% काम सिर्फ दो साल में ही पूरे कर दिए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि दो बजट घोषणाओं में से 73% घोषणाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या प्रगति पर हैं, जो सरकार की प्रतिबद्धता और तेज गति से काम करने की क्षमता को दर्शाता है. शर्मा ने गर्व के साथ कहा कि राजस्थान अब देश के 'बेस्ट परफॉर्मर स्टेट्स' में शामिल है, जो राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों का प्रमाण है. उन्होंने आंकड़ों के साथ अपनी बात को पुख्ता करते हुए बताया कि राजस्थान को 11 राष्ट्रीय योजनाओं में पहला स्थान, पांच में दूसरा और नौ में तीसरा स्थान मिला है. ये आंकड़े राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति को दर्शाते हैं और सरकार के दावों को मजबूती प्रदान करते हैं और मुख्यमंत्री ने इन उपलब्धियों को सरकार की दूरदर्शिता और प्रभावी नीतियों का परिणाम बताया है, जिससे राज्य की छवि राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर हुई है.
सत्ता पक्ष और विपक्ष के इन विरोधाभासी बयानों के बीच, राजस्थान की जनता सरकार के कामकाज का मूल्यांकन कर रही है और जहां एक ओर कांग्रेस सरकार पर विफलताओं और अधूरे वादों का आरोप लगा रही है, वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपनी सरकार को विकास और सुशासन का प्रतीक बता रहे हैं. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन दावों और प्रतिदावों का. जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है और राज्य की वास्तविक स्थिति क्या सामने आती है.