Rajasthan Education / राजस्थान के स्कूलों में अब एक जैसी यूनिफॉर्म, शिक्षकों की भी तय होगी ड्रेस

राजस्थान के सरकारी और निजी स्कूलों में अब एक समान यूनिफॉर्म होगी, जिसमें टाई नहीं होगी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि शिक्षकों की भी ड्रेस कोड तय होगा और सभी के लिए आईडी कार्ड अनिवार्य होगा। शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होगा। बच्चों के स्कूल न पहुंचने पर अभिभावकों को सूचना मिलेगी।

राजस्थान के सरकारी और निजी स्कूलों में अब एकरूपता लाने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा की है कि प्रदेश के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में एक जैसी यूनिफॉर्म लागू की जाएगी, जिसमें अब टाई शामिल नहीं होगी और यह निर्णय छात्रों के बीच समानता की भावना को बढ़ावा देने और अनावश्यक खर्चों को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। कोटा विश्वविद्यालय में मीडिया से बात करते हुए दिलावर ने शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े सुधारों का खाका पेश किया, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों पर पड़ेगा।

शिक्षकों और छात्रों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य

शिक्षा मंत्री ने बताया कि यूनिफॉर्म के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी जल्द ही एक निर्धारित ड्रेस कोड तय किया जाएगा और यह कदम विद्यालयों में अनुशासन और पेशेवर माहौल को सुदृढ़ करेगा। इसके अतिरिक्त, सभी अध्यापकों के लिए आईडी कार्ड अनिवार्य होंगे, जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके। विद्यार्थियों के लिए भी परिचय पत्र अनिवार्य किया जाएगा, जो उनकी सुरक्षा और विद्यालय में उनकी उपस्थिति को ट्रैक करने में मदद करेगा। यह व्यवस्था स्कूलों में सुरक्षा मानकों को मजबूत करने और। बाहरी व्यक्तियों की अनावश्यक आवाजाही को नियंत्रित करने में सहायक होगी।

शैक्षणिक सत्र में बदलाव और समय पर किताबें

शिक्षा विभाग के शैक्षणिक सत्र को लेकर भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब नया शैक्षिक सत्र 1 जुलाई के बजाय 1 अप्रैल से शुरू होगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को गर्मियों की छुट्टियों में अपनी नई कक्षाओं की किताबें पढ़ने का पर्याप्त समय देना है। दिलावर ने कहा कि इससे बच्चों को समय पर किताबें मिल जाएंगी और वे छुट्टियों। का सदुपयोग पढ़ाई के लिए कर सकेंगे, जिससे उन्हें अगले सत्र की तैयारी में मदद मिलेगी। यह पहल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और छात्रों पर अकादमिक दबाव कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत से जुड़े नए नियम

शिक्षा मंत्री ने अपने अधीन आने वाले तीन विभागों – पंचायती राज, शिक्षा। और संस्कृत विभाग में भी कार्यालयी कामकाज को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी विभागों के कार्यालय अब राष्ट्रीय गान के साथ शुरू होंगे और राष्ट्रीय गीत के साथ बंद होंगे। यह नियम कर्मचारियों की राष्ट्रभक्ति और अनुशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किया गया है। दिलावर ने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों की हाजिरी भी राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत। में उनकी उपस्थिति से ही लगेगी, जो एक सख्त अनुशासनात्मक उपाय है।

अभिभावकों को मिलेगी बच्चों की उपस्थिति की जानकारी

विद्यार्थियों की सुरक्षा और उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक अभिनव पहल की है। मदन दिलावर ने बताया कि अब स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की जानकारी उनके माता-पिता को तुरंत मिलेगी। यदि कोई छात्र स्कूल नहीं पहुंचता है, तो उसकी सूचना शाला दर्पण में पंजीकृत नंबर पर अभिभावकों को एसएमएस या अन्य माध्यम से दी जाएगी। इस व्यवस्था से अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा और स्कूल में उनकी उपस्थिति के बारे में तुरंत जानकारी मिल सकेगी, जिससे वे किसी भी अनहोनी की स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे। यह प्रणाली बच्चों की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और अभिभावकों को चिंता मुक्त करेगी।

दीर्घकालिक प्रभाव और भविष्य की योजनाएं

इन सुधारों का उद्देश्य राजस्थान में शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, अनुशासित और छात्र-केंद्रित बनाना है और समान यूनिफॉर्म से सामाजिक और आर्थिक असमानता कम होगी, जबकि शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड और आईडी कार्ड पेशेवर मानकों को बढ़ाएंगे। शैक्षणिक सत्र का समायोजन छात्रों को बेहतर सीखने का अनुभव प्रदान करेगा और इसके अलावा, उपस्थिति ट्रैकिंग प्रणाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शिक्षा मंत्री ने संकेत दिया कि आने वाले समय में और भी कई सुधारों की योजना है, जो राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।