शिक्षा क्षेत्र में किए नवाचार / राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रवणसिंह राठौड़ ने फाउंडेशन की ओर से मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भेंट किया अभिनन्दन पत्र

Zoom News : Sep 18, 2020, 09:22 PM
  • जयपुर में शिक्षा मंत्री डोटासरा ने जालोर के शिक्षक सन्दीप जोशी के द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए नवाचारों की प्रशंसा की
  • वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुखराज पाराशर से भेंट कर की जालोर जिले को लेकर लम्बी चर्चा
  • डॉ रमेश देवासी ने जिले के विभिन्न मुद्दों पर पाराशर से कोरोना की विषम परिस्थितियों, मेडिकल व्यवस्था को ओर अधिक चुस्त दुरस्त करने के बारे अवगत करवाया
भीनमाल | कोरोना महामारी के चलते इस बार शिक्षा सत्र कब से शुरू होगा यह तो अभी तक तय नहीं है, लेकिन यह तय है कि नया शिक्षा सत्र नौनिहालों के लिए बहुत सारी खुशियां लेकर आने वाला है। इसका कारण यह है कि प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए पुस्तक इस बार नए स्वरूप  में सामने आएगी। जिसमे पाठ्यक्रम भी वही है और पाठ भी उतने ही। पर बस्ते का बोझ काफी कम नजर आएगा। भारी बस्तों का बोझ ढो रहे स्कूली बच्चों के हित में राज्य सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का प्रवासी राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रवण सिंह राठौड़ व फाउंडेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. रमेश देवासी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात कर उनका आभार जताया।


राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में एक लाख सरकारी और निजी प्राथमिक स्कूलों के 40 लाख से अधिक बच्चों को बस्ते के बोझ से इस सेशन से निजात दिए जाने का  निर्णय राज्य सरकार ने किया है। इसको  लेकर कांग्रेस नेता और प्रवासी राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष श्रवण सिंह राठौड़ व फाउंडेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. रमेश देवासी ने प्राइमरी स्कूल के लाखों बच्चों के बस्ते का बोझ हल्का करने और बस्ता रहित शनिवार घोषित किये जाने के निर्णय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंन्द सिंह डोटासरा का प्रदेश के लाखों अभिभावकों की तरफ से आभार जताया है। इस मौके राजस्थानी फ्रेेंड्स फाउंडेशन की ओर से अध्यक्ष श्रवण सिंह राठौड़ और वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ रमेश देवासी ने शिक्षा मंत्री गोविंन्द सिंह डोटासरा को अभिनंदन पत्र भेंट किया।

शिक्षकों की गरिमा और सम्मान को राज्य सरकार बढ़ाने का पूरा ध्यान रखेगी

इस दौरान राठौड़ ने सुझाव दिया कि जो चयनित शिक्षक योग्यता के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा कोटा कम किये जाने की वजह से सम्मानित होने से वंचित रह गए है, उनको राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया जाना चाहिए। राठौड़ के मुताबिक शिक्षा मंत्री डोटासरा ने बताया कि राजस्थान सरकार ने ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक 11 हजार शिक्षको को सम्मानित किए जाने की अभिनव शुरुआत की है। पिछले वर्ष प्रदेश में 11 हजार शिक्षकों को सम्मानित किया गया था। इस वर्ष कोविड की वजह से सम्मान समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका। उन्होंने आश्वस्त किया कि शिक्षकों की गरिमा और सम्मान को राज्य सरकार बढ़ाने का पूरा ध्यान रखेगी। शिक्षक ही राष्ट्र की धुरी है।

जयपुर में जालोर के शिक्षक सन्दीप जोशी की प्रशंसा


राठौड़ ने शिक्षा मंत्री गोविंन्द सिंह डोटासरा  को अवगत कराया कि सबसे पहले 2007 में जालोर के शिक्षक संदीप जोशी ने ही बस्ते का बोझ कम किये जाने के मुद्दे पर सुझाव दिया था। राठौड़ ने  जालोर जिले के शिक्षक संदीप जोशी के शिक्षा के क्षेत्र में किये गए नवाचार और अभिनव प्रयोगों की बुकलेट शिक्षामंत्री को भेंट की। साथ ही उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की भी  अवगत करवाया। इस पर शिक्षामंत्री ने सन्दीप जोशी की सराहना की। राठौड़ के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पुखराज पाराशर से विस्तृत चर्चा कर की। राठौड़ के मुताबिक पाराशर से बताया कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों के बस्ते का बोझ हल्का करने का निर्णय लेने के मामले में राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है। इस मौके फाउंडेशन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अभिनन्दन पत्र भी पाराशर को भेंट किया गया। इस दौरान राठौड़ व डॉ. देवासी ने जिले के विभिन्न मुद्दों पर पाराशर से कोरोना की विषम परिस्थितियों, मेडिकल व्यवस्था को ओर अधिक चुस्त दुरस्त बनाने व जिले में सड़कों की मरम्मत आदि मामलों को लेकर भी विस्तृत चर्चा की।

सेवा के क्षेत्र में अपना नाम कर रहे हैं प्रवासी राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रवणसिंह

कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में जब प्रवासी लोगों को अपने घर आने के लिए सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था ऐसे विषम काल में इन प्रवासियों की मदद के लिए यही संस्था आगे आई और इसके अध्यक्ष श्रवणसिंह राठौड़ व वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. रमेश देवासी सहित संस्था से जुड़े अन्य लोगों ने प्रवासयिों के आवागमन व उनके आइसोलेशन तक की व्यवस्थाओं में मदद की। फाउंडेशन की ओर से आज भी प्रवासियों की समस्याओं व स्थानीय समस्याओं के निवारण को लेकर हरसंभव प्रयास किये जाते रहे हैं।


रिपोर्ट : चिराग प्रजापत

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