देश / जुलाई में 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर

Zoom News : Aug 13, 2021, 10:01 AM
नई दिल्ली: भारत की खुदरा महंगाई दर जुलाई में कम होकर 5.59 प्रतिशत हो गई, जो कि मौद्रिक नीति समिति के 4 (+/- 2) प्रतिशत की महंगाई दर लक्ष्य सीमा के भीतर वापस आ गई, खाद्य कीमतों में नरमी की वजह से सरकारी आंकड़े में गिरावट दिखी। जून में यह 6.2 फीसदी थी। तीन महीने में यह पहली बार है जब सीपीआई डेटा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 फीसदी के ऊपरी मार्जिन से नीचे आया है। इससे पहले लगातार दो महीने सीपीआई 6 फीसदी के ऊपर आ गया था। जुलाई में खाद्य महंगाई दर जून में 5.15 प्रतिशत से घटकर 3.96 प्रतिशत हो गई, जैसा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 12 अगस्त के आंकड़ों से पता चलता है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रक नीति समीक्षा में 2021-22 में सीपीआई महंगाई दर 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। आरबीआई के अनुसार महंगाई दर में घट-बढ़ की जोखिम के साथ दूसरी तिमाही में इसके 5.9%, तीसरी तिमाही में 5.3% और चौथी तिमाही में 5.8% रहने का संभावना है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसके 5.1% रहने का अनुमान जताया गया है। आरबीआई को ऊपर नीचे 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ महंगाई दर 4 प्रतिशत पर बरकार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के समय मुख्य रूप से सीपीआई महंगाई दर पर ही गौर करता है।

सीपीआई डेटा मुख्य रूप से आरबीआई द्वारा अपनी द्वि-मासिक मौद्रिक नीति बनाते समय फैक्टर किया जाता है। पिछले हफ्ते, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 'समायोज्य रुख' बनाए रखते हुए रेपो दर को लगातार 7वीं बार 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। 

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) द्वारा मापा गया कारखाना उत्पादन पिछले साल के इसी महीने में 13.6 प्रतिशत और मई में 29.3 प्रतिशत बढ़ा था।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER