AajTak : Apr 16, 2020, 04:50 PM
दिल्ली: देश ही नहीं पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैज्ञानिक नए-नए तरीके खोज रहे हैं। वैक्सीन बनाने का तरीका निकाल रहे हैं। इसी बीच, गुजरात के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में एक बड़ी सफलता हासिल की है। यहां के वैज्ञानिकों ने देश में पहली बार कोरोना वायरस के पूरे जीनोम सिक्वेंस को खोजा है।
गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने जो ट्वीट किया है उसमें लिखा है कि जीबीआरसी के वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है। देश के किसी भी राज्य की प्रयोगशाला में पहली बार कोरोना वायरस कोविड-19 यानी SARS-CoV-2 का पूरा जीनोम सिक्वेंस खोजा गया है।ट्वीट में आगे लिखा है कि जीनोम सिक्वेंस से कोरोना वायरस की उत्पत्ति, दवा बनाने, वैक्सीन विकसित करने, वायरस के टारगेट और वायरस को खत्म करने को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें पता चलेंगी।
चैतन्य जोशी ने कहा कि कोरोना वायरस में 9 बदलाव देखने को मिले हैं। इससे फायदा ये होगा कि हमें कोरोना का वैक्सीन खोजने में आसानी होगी। साथ ही उसकी दवा बनाने में काफी मदद मिलेगी। चैतन्य जोशी ने बताया कि कोरोना वायरस में एक महीने में दो बार म्यूटेशन पाया गया है। यानी कोरोना वायरस लगातार अपने-आप को बदल रहा है। हालांकि पहले हुए शोध के मुताबिक कोरोना वायरस के जीनोम में हो रहे बदलाव बेहद मामूली हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने जो ट्वीट किया है उसमें लिखा है कि जीबीआरसी के वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है। देश के किसी भी राज्य की प्रयोगशाला में पहली बार कोरोना वायरस कोविड-19 यानी SARS-CoV-2 का पूरा जीनोम सिक्वेंस खोजा गया है।ट्वीट में आगे लिखा है कि जीनोम सिक्वेंस से कोरोना वायरस की उत्पत्ति, दवा बनाने, वैक्सीन विकसित करने, वायरस के टारगेट और वायरस को खत्म करने को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें पता चलेंगी।
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— GBRC (@gbrc_gujarat) April 15, 2020
GBRC के निदेशक चैतन्य जोशी ने बताया कि हमने गुजरात में कई कोरोना वायरस पीड़ित मरीजों के शरीर से वायरस का जींस लिया। कई जगहों से सैंपल लेने के बाद करीब 100 सैंपल का डीएनए टेस्ट किया। तब जाकर हमें यह सफलता मिली कि हम पूरा जीनोम सिक्वेंस खोज पाए हैं।https://t.co/amPgaNJ9S7 pic.twitter.com/88lxCKHxlI
— Chaitanya Joshi (@ChaitanyaGJoshi) April 15, 2020
चैतन्य जोशी ने कहा कि कोरोना वायरस में 9 बदलाव देखने को मिले हैं। इससे फायदा ये होगा कि हमें कोरोना का वैक्सीन खोजने में आसानी होगी। साथ ही उसकी दवा बनाने में काफी मदद मिलेगी। चैतन्य जोशी ने बताया कि कोरोना वायरस में एक महीने में दो बार म्यूटेशन पाया गया है। यानी कोरोना वायरस लगातार अपने-आप को बदल रहा है। हालांकि पहले हुए शोध के मुताबिक कोरोना वायरस के जीनोम में हो रहे बदलाव बेहद मामूली हैं।