- भारत,
- 20-Jun-2025 09:10 PM IST
Sheikh Hasina News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर संकट के बादल और गहराते जा रहे हैं। बांग्लादेश इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उन्हें 24 जून को अदालत में पेश होने का अंतिम आदेश दिया है। उनके खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध, हत्या और जुलाई 2024 में छात्र विद्रोह के दौरान जनसंहार जैसी संगीन धाराओं में मामले लंबित हैं।
ट्रिब्यूनल के अनुसार, शेख हसीना पर आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के साथ मिलकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर गोलीबारी की साजिश रची थी। इस गोलीबारी में दर्जनों छात्रों की जान गई थी और यह घटना पूरे बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बनी थी। अब्दुल्ला अल-मामून को गिरफ्तार कर ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश किया जा चुका है, जबकि शेष दोनों नेता अब भी फरार हैं।
भारत में शरण लेने का आरोप
अभियोजन पक्ष के अनुसार, शेख हसीना फिलहाल भारत में शरण लिए हुए हैं, जहां उन्होंने कथित रूप से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक शरण मांगी है। बांग्लादेश पुलिस ने हसीना के ढाका स्थित आवास समेत कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। असदुज्जमां खान की लोकेशन भी अज्ञात बताई जा रही है।
ट्रिब्यूनल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) की नियुक्ति की है, जो कानूनी प्रक्रिया को संतुलित और निष्पक्ष बनाए रखने में मदद करेगा। अदालत ने चेतावनी दी है कि यदि 24 जून तक दोनों आरोपी पेश नहीं होते, तो सुनवाई उनकी अनुपस्थिति में ही आगे बढ़ाई जाएगी।
अदालत की अवमानना और नया मुकदमा
शेख हसीना पर अदालत की अवमानना का एक नया मामला भी दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि वे जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया से बच रही हैं, जिससे कानून के शासन को चुनौती मिल रही है।
सत्ता परिवर्तन और अवामी लीग पर कार्रवाई
2025 की शुरुआत में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद देश की बागडोर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथ में आई। यूनुस सरकार ने आते ही पूर्ववर्ती सरकार और अवामी लीग के नेताओं पर कार्रवाई शुरू की। अवामी लीग को प्रतिबंधित कर दिया गया और इसके सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया। इनमें से कई नेता देश छोड़कर भारत भाग गए हैं।
भारत से प्रत्यर्पण की मांग
बांग्लादेश सरकार ने भारत पर शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने का दबाव बढ़ा दिया है। हालांकि, भारत सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यदि हसीना को भारत में शरण दी गई है, तो यह मामला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक जटिलताओं को और बढ़ा सकता है।
न्याय की ओर बढ़ते कदम या राजनीतिक बदले की बुनियाद?
शेख हसीना के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई को लेकर देश और विदेश में मतभेद हैं। कुछ इसे न्यायिक प्रक्रिया की मजबूती मानते हैं, जबकि अन्य इसे सत्ता परिवर्तन के बाद की बदले की कार्रवाई करार दे रहे हैं।
