कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटील चाकूरकर का आज लातूर में निधन हो गया और उन्होंने 91 वर्ष की आयु में सुबह करीब 6:30 बजे अपने निवास 'देववर' में अंतिम सांस ली। पाटील लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज घर पर ही किया जा रहा था और उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है, और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
एक लंबा और प्रतिष्ठित राजनीतिक करियर
शिवराज पाटील चाकूरकर का राजनीतिक जीवन अत्यंत लंबा और प्रतिष्ठित रहा है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के लातूर से आने वाले पाटील ने देश की सेवा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने 1973 से 1980 तक लातूर ग्रामीण सीट से विधायक के रूप में अपनी सेवाएं दीं, जहां उन्होंने जमीनी स्तर पर जनता की समस्याओं को समझा और उनके समाधान के लिए कार्य किया। इसके बाद, 1980 से वे लातूर संसदीय सीट से कई बार। चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री के रूप में भूमिका
अपने व्यापक राजनीतिक अनुभव के कारण, शिवराज पाटील ने लोकसभा के सभापति (स्पीकर) जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद की जिम्मेदारी भी संभाली। इस भूमिका में उन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं को गरिमापूर्ण तरीके से संचालित किया और सदन की मर्यादा बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्री पदों पर भी कार्य किया, जिससे उन्हें देश के विभिन्न मंत्रालयों और नीतियों को गहराई से समझने और उन्हें आकार देने का अवसर मिला और इन पदों पर रहते हुए उन्होंने देश के विकास और प्रगति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिवराज पाटील के राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण दौर तब आया जब वे 2008 में मुंबई में हुए भयावह आतंकवादी हमले के समय देश के गृह मंत्री थे और इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे। हमले के बाद सुरक्षा चूक को लेकर उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। पाटील ने इस स्थिति की गंभीरता को समझा और अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुंबई हमले को रोकने में अपनी नाकामी स्वीकार की, जो उनके उच्च नैतिक मूल्यों और सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लातूर और मराठवाड़ा से गहरा जुड़ाव
शिवराज पाटील चाकूरकर का लातूर और मराठवाड़ा क्षेत्र से गहरा भावनात्मक और राजनीतिक जुड़ाव रहा और वे इस क्षेत्र के एक प्रमुख नेता थे और उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में इस क्षेत्र के विकास और यहां के लोगों के कल्याण के लिए अथक प्रयास किए। लातूर से विधायक और सांसद के रूप में उन्होंने अपने गृह। क्षेत्र की आवाज को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद किया। उनके निधन से लातूर और मराठवाड़ा ने एक ऐसे नेता को खो दिया है जिसने अपने क्षेत्र और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर
शिवराज पाटील के निधन की खबर से कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक सभी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कांग्रेस पार्टी ने एक बयान जारी कर उनके योगदान को याद किया और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। पाटील को एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने अपनी ईमानदारी, अनुभव। और देश सेवा के प्रति समर्पण के साथ भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी।