- भारत,
- 23-Oct-2025 09:31 PM IST
15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई फिल्म 'शोले' हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है और 50 साल बाद भी इसे खूब पसंद किया जाता है। इस फिल्म ने टिकट खिड़की पर कई रिकॉर्ड तोड़े और नए रिकॉर्ड बनाए। फिल्म का हर किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया, और इसमें। जेलर का रोल निभाने वाले अभिनेता असरानी को भी खास पहचान मिली। उनका डायलॉग 'हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं' आज भी लोगों की जुबान पर है।बाकी कलाकारों को मिली फीस
50 साल पहले आई 'शोले' का निर्देशन दिग्गज डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने किया था, जबकि इसे जी पी सिप्पी ने प्रोड्यूस किया था। फिल्म की कहानी जावेद अख्तर और सलीम खान ने मिलकर लिखी थी। इस ऐतिहासिक फिल्म के लिए असरानी को महज 15,000 रुपये की फीस दी गई थी। यह उस दौर में एक ब्लॉकबस्टर फिल्म के लिए एक यादगार। किरदार निभाने वाले अभिनेता के लिए काफी कम मानी जाती है।
'शोले' के लिए धर्मेंद्र को सबसे ज्यादा फीस मिली थी, उन्होंने 1. 5 लाख रुपये वसूले थे और वहीं अमिताभ बच्चन को 1 लाख रुपये, संजीव कुमार को 1. 25 लाख रुपये, हेमा मालिनी को 75 हजार रुपये, जया बच्चन को 35 हजार रुपये और अमजद खान को गब्बर सिंह के किरदार के लिए 50 हजार रुपये का भुगतान किया गया था। असरानी की फीस इन सभी मुख्य कलाकारों से काफी कम थी।
