संसदीय समिति से बाहर कई बड़े नाम / सोनिया गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले असंतुष्ट नेताओं को दिया सख्त संदेश

News18 : Aug 28, 2020, 08:45 AM
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी (Congress) के अंदर घमासान लगातार जारी है। जिन 23 असंतुष्ट नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिख कर पार्टी में बड़े बदलाव की मांग की थी वो अब निशाने पर आ गए हैं। दरअसल गुरुवार को कांग्रेस ने संसद से जुड़े विषयों पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें दोनों सदनों के पांच-पांच सदस्यों को शामिल गया है। लेकिन इस समिति से कई बड़े नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है।


किसको क्या ज़िम्मेदारी?

दो बार के सांसद गौरव गोगोई को लोकसभा में पार्टी का उप नेता नियुक्त किया गया है जबकि लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को सचेतक की जिम्मेदारी सौंपी है। फिलहाल अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं, जबकि के। सुरेश मुख्य सचेतक हैं। गौरव गोगोई पहले सचेतक की भूमिका में थे। इसके अलावा मणिकम टैगोर भी सचेतक हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेता जयराम रमेश को राज्यसभा में मुख्य सचेतक नियुक्त किया है।


मनीष तिवारी का नाम नहीं

आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी को नाम भी चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में शामिल है। लिहाजा उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है। जबकि तिवारी भी दो बार सांसद रह चुके हैं। इतना ही नहीं गोगई के मुकाबले मनीष तिवारी काफी सीनियर नेता हैं। तिवारी NSUI और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वो केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।


थरूर भी नजरअंदाज़

राज्य सभा के लिए बनाई गई समिति में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अहमत पटेल, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल को रखा गया है। रमेश को राज्य सभा में पार्टी का चीफ विप भी बनाया गया है। वेणुगोपाल और गोगई को राहुल गांधी का करीबी कहा जाता है। इसके अलावा पार्टी के सीनियर लीडर शशि थरूर को भी नजरअंदजा किया गया है। उन्हें भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

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