मिसाल / बेटी की विदाई के 5 मिनट बाद ही पोस्टमॉर्टम करने पहुंचा कर्मचारी, डॉक्टर भी लेते हैं इनकी मदद

Dainik Bhaskar : Dec 12, 2019, 03:01 PM
चित्तौड़गढ़ | कुछ लोग काम को ही पूजा मानकर चलते हैं। कैसी भी विषम परिस्थिति हो वे काम के प्रति समर्पित रहते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हैं रावतभाटा रेफरल अस्पताल में कार्यरत ठेका कर्मचारी रमेश चौहान। गुरुवार सुबह रमेश को बेटी की विदाई के वक्त अस्पताल से पोस्टमॉर्टम के लिए कॉल आया तो वह घर से डोली उठते ही सीधे अपनी ड्यूटी पर पहुंच गए। रमेश के सिर पर शादी का साफा बंधा था। कपड़ों में हल्दी लगी थी और दो रात से वे अपनी बेटी की शादी में व्यवस्थाओं के कारण ढंग से सो नहीं पाए थे।

रमेश की मदद के बिना डॉक्टर भी पोस्टमॉर्टम के कतराते हैं

बुधवार रात को ही रमेश की बेटी की शादी हुई थी। गुरुवार सुबह 8:30 बजे बेटी की विदाई की गई थी। तभी रमेश को खबर मिली की किसी के पोस्टमाॅर्टम के लिए जाना है। मेहमानों को यह कहकर थोड़ी देर में आता हूं, वह ड्यूटी पर चले गए। रमेश पोस्टमार्टम में सहयोग करने के एक्सपर्ट हैं। वे शव के चीरा लगाने के साथ बहुत सी जांच में मदद करते हैं। डॉक्टर रमेश की मदद के बिना पोस्टमाॅर्टम नहीं करते हैं। रमेश ने गुरुवार को पगड़ी पहन रखी थी और हल्दी लगे कपड़े में पोस्टमाॅर्टम करते हुए परमाणु बिजलीघर अस्पताल की मोर्चरी में नजर आए।

रमेश ने डॉक्टर से कहा- विदाई होते ही ड्यूटी पर आ जाऊंगा

रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ. अनिल जाटव के साथ रमेश ने पोस्टमाॅर्टम में सहयोग किया। बुधवार को परमाणु बिजलीघर के कर्मचारी दिनेश खत्री ने आत्महत्या कर ली थी। गुरुवार सुबह उसका पोस्टमाॅर्टम किया जाना था। ऐसे में पोस्टमाॅर्टम में सहयोग करने वाले कर्मचारी रमेश चौहान की भी जरूरत थी। डॉ. जाटव ने रमेश से बात की। उनको पता था कि घर में शादी है, लेकिन रमेश ने कहा कि बेटी के विदाई के पांच मिनट बाद ही मैं ड्यूटी पर आ जाऊंगा और अपने वादानुसार रमेश पहुंच भी गए। रावतभाटा में रमेश चौहान की इस ड्यूटी के प्रति जिम्मेदारी को लोग सलाम कर रहे हैं।

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