AMAR UJALA : Apr 11, 2020, 01:19 PM
कोरोना: लॉकडाउन का समय शराब पीने वालों के लिए मुश्किल भरा है। ऐसे लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स (नई दिल्ली) के डॉक्टरों के जरिए ऐसे लोगों को जागरूक करने की पहल की है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब पीने वाले लोग अपना विशेष ध्यान रखें। खुद को व्यस्त रखेंगे तो आप परिवार समेत कई परेशानियों से बच सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लॉकडाउन शराब की लत छोड़ने का अच्छा समय है।
एम्स के निदेशक प्रो. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि लॉकडाउन के कारण शराब न मिलने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। एम्स के मनोरोग विभाग के डॉ. रविंद्र राव का कहना है कि रोज या बहुत अधिक शराब पीने वाले लोगों में इस समय शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। इनमें सांस में तकलीफ, थकान, हाथ में कंपन और रात को नींद न आना प्रमुख हैं। मानसिक तकलीफों में तनाव, घबराहट, अवसाद, चिंता और हताशा शामिल हैं।व्यस्त और परिवार के साथ रहें तो नहीं होगी पीने की इच्छा
डॉ. रविंद्र के अनुसार शराब पीने वाले लोगों को लॉकडाउन के बीच शारीरिक और मानसिक तकलीफ से बचना है तो खुद को व्यस्त रखना होगा। पानी अधिक मात्रा में पीना होगा। घर-परिवार के लोगों के साथ समय बिताएं। गार्डन में खुद को व्यस्त रखें। बच्चे या परिवार के साथ संभव हो तो कुछ खेलें। सगे-संबंधियों से फोन पर बात करें। इससे आपका मन शांत रहेगा और बार-बार शराब पीने की इच्छा नहीं होगी। अलग बैठने या सोने की कोशिश बिलकुल न करें क्योंकि इससे आपकी तकलीफ बढ़ेगी।ऐसी तकलीफ नजरअंदाज न करें
डॉ. रविंद्र बताते हैं कि जो लोग लंबे समय से शराब नियमित पीते हैं या बहुत अधिक मात्रा में पीते हैं उन्हें और उनके परिवार के लोगों को सतर्क होना होगा। शराब के लती हो चुके लोगों में अचानक झटका आने या बेहोशी की शिकायत हो सकती है। इस तरह की किसी भी तकलीफ को नजरअंदाज न करें और बिना देर किए अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरी सलाह के अनुसार दवा लें।आठ से नौ घंटे की नींद लेना लाभदायकशराब नहीं मिलती है तो मन-मस्तिष्क में इसके लिए हलचल शुरू होती है। इससे घुटन और बेचैनी महसूस होती है। सभी तरह की तकलीफों से बचना है तो व्यक्ति को आठ से नौ घंटे सोने की कोशिश करनी चाहिए। टीवी, फिल्म या पसंदीदा धारावाहिक देखेंगे तो थकावट महसूस होगी और आपको अच्छी नींद आएगी। इसके इतर आप घर के भीतर ही कुछ काम कर सकते हैं।
एम्स के निदेशक प्रो. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि लॉकडाउन के कारण शराब न मिलने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। एम्स के मनोरोग विभाग के डॉ. रविंद्र राव का कहना है कि रोज या बहुत अधिक शराब पीने वाले लोगों में इस समय शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। इनमें सांस में तकलीफ, थकान, हाथ में कंपन और रात को नींद न आना प्रमुख हैं। मानसिक तकलीफों में तनाव, घबराहट, अवसाद, चिंता और हताशा शामिल हैं।व्यस्त और परिवार के साथ रहें तो नहीं होगी पीने की इच्छा
डॉ. रविंद्र के अनुसार शराब पीने वाले लोगों को लॉकडाउन के बीच शारीरिक और मानसिक तकलीफ से बचना है तो खुद को व्यस्त रखना होगा। पानी अधिक मात्रा में पीना होगा। घर-परिवार के लोगों के साथ समय बिताएं। गार्डन में खुद को व्यस्त रखें। बच्चे या परिवार के साथ संभव हो तो कुछ खेलें। सगे-संबंधियों से फोन पर बात करें। इससे आपका मन शांत रहेगा और बार-बार शराब पीने की इच्छा नहीं होगी। अलग बैठने या सोने की कोशिश बिलकुल न करें क्योंकि इससे आपकी तकलीफ बढ़ेगी।ऐसी तकलीफ नजरअंदाज न करें
डॉ. रविंद्र बताते हैं कि जो लोग लंबे समय से शराब नियमित पीते हैं या बहुत अधिक मात्रा में पीते हैं उन्हें और उनके परिवार के लोगों को सतर्क होना होगा। शराब के लती हो चुके लोगों में अचानक झटका आने या बेहोशी की शिकायत हो सकती है। इस तरह की किसी भी तकलीफ को नजरअंदाज न करें और बिना देर किए अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरी सलाह के अनुसार दवा लें।आठ से नौ घंटे की नींद लेना लाभदायकशराब नहीं मिलती है तो मन-मस्तिष्क में इसके लिए हलचल शुरू होती है। इससे घुटन और बेचैनी महसूस होती है। सभी तरह की तकलीफों से बचना है तो व्यक्ति को आठ से नौ घंटे सोने की कोशिश करनी चाहिए। टीवी, फिल्म या पसंदीदा धारावाहिक देखेंगे तो थकावट महसूस होगी और आपको अच्छी नींद आएगी। इसके इतर आप घर के भीतर ही कुछ काम कर सकते हैं।