- भारत,
- 28-Jun-2025 10:29 AM IST
Sardarshahar News: राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर नगर परिषद में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति को फिर से गरमा दिया है। नगर परिषद के सभापति राजकरण चौधरी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जारी प्रक्रिया को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा हस्तक्षेप किया है। कोर्ट ने परिणाम की घोषणा पर 4 जुलाई 2025 तक अंतरिम रोक लगा दी है, हालांकि प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी गई है।
कोर्ट का हस्तक्षेप: प्रक्रिया और परिणाम में फर्कजस्टिस चंद्रशेखर शर्मा की एकल पीठ ने सभापति चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया तो चलेगी, लेकिन मतगणना के बाद परिणाम तब तक सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे जब तक अगली सुनवाई नहीं हो जाती। यह रोक ऐसे समय में आई है जब नगर परिषद में राजनीतिक खींचतान अपने चरम पर है।प्रक्रिया में खामी का आरोपवार्ड 33 के पार्षद मदनलाल ओझा की ओर से वरिष्ठ वकील डॉ. सचिन आचार्य और नृपन शंकर आचार्य ने अदालत में यह याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि प्रस्ताव की प्रति नियमों के तहत विधिवत नहीं दी गई थी। नियम 3(1) और नियम 2(1)(b) के उल्लंघन का हवाला देते हुए प्रस्ताव की वैधता पर सवाल उठाया गया।भाजपा सरकार द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या का एक और उदाहरण-
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 27, 2025
आज नगरपरिषद सरदारशहर में भाजपा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में 11 बजे मीटिंग आहूत की गई थी जिसमें भाजपा के सभापति को अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया जाना तय है लेकिन राज्य सरकार के दबाव में अभी…
राजनीतिक समीकरण और दावेसरदारशहर नगर परिषद में कुल 55 निर्वाचित वार्ड हैं, जिनमें 22 भाजपा, 30 कांग्रेस और 3 निर्दलीय पार्षद हैं। इसके अतिरिक्त 2 पदेन सदस्य (विधायक व सांसद) भी मतदान में भाग ले सकते हैं। कुल मिलाकर 57 सदस्यीय परिषद में प्रस्ताव पारित करने के लिए कम से कम 43 मत आवश्यक हैं।मतदान में बाधा और राजनीतिक आरोपनिर्धारित तिथि 27 जून को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था, लेकिन निर्वाचन अधिकारी एडीएम मंगलाराम पूनिया की तबीयत अचानक खराब होने के चलते मतदान टल गया। उन्हें बीपी लो होने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि "राजकीय दबाव में अधिकारी अनुपस्थित रहे।"गहलोत ने इसे लोकतंत्र के विरुद्ध कार्रवाई बताया और सरकार पर प्रशासन को राजनीतिक हथियार बनाने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी इसे सोची-समझी रणनीति करार दिया।सभापति का बचाव: फर्जी हस्ताक्षरों का आरोपसभापति राजकरण चौधरी का कहना है कि प्रस्ताव में 10 पार्षदों के हस्ताक्षर फर्जी हैं और उन्हें कोई विधिवत नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने अदालत से प्रस्ताव निरस्त करने और बैठक स्थगित करने की मांग की थी, जिसके आंशिक रूप से सकारात्मक परिणाम उन्हें मिले हैं।लोकतांत्रिक प्रक्रिया बनाम राजनीतिक टकरावसरदारशहर नगर परिषद का यह मामला अब न केवल एक स्थानीय राजनीतिक संघर्ष है, बल्कि यह स्थानीय स्वशासन, लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और न्यायिक हस्तक्षेप की मिसाल भी बन गया है। 4 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई से पहले सभी पक्ष अपने-अपने दावों को मजबूती से पेश करने की तैयारी में जुटे हैं।मेरे विधानसभा क्षेत्र सरदारशहर में लोकतंत्र की हत्या का एक शर्मनाक उदाहरण भाजपा ने पेश किया है।
— Anil Kumar Sharma (@anilsharmainc) June 27, 2025
आज नगर परिषद सरदारशहर में भाजपा के सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक सुबह 11 बजे तय थी। दो-तिहाई पार्षदों का समर्थन होने के बावजूद, चुनाव अधिकारी (एडीएम, सुजानगढ़) भाजपा…
संविधान विरोधी भाजपा निरंतर कानून और नियमों की धज्जियां उड़ाकर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) June 27, 2025
सरदारशहर के दो तिहाई पार्षदों द्वारा नगर परिषद सभापति के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज जिला क्लेक्टर चूरू ने नगर परिषद की साधारण सभा की बैठक बुलाई।
सभापति के विरुद्ध लाए गए… pic.twitter.com/Du6OXwHIHt