देश / इस लड़की के साथ बस में घटी ऐसी घटना, फिर बदल गई जिंदगी, बनीं IPS

AajTak : Jun 20, 2020, 10:39 AM
दिल्ली: इंसान अपनी जिंदगी में हुई कई चीजों से काफी कुछ सीखता है और कई बार जिंदगी में कुछ घटनाएं ऐसी घट जाती हैं, जो इंसान की सोच और विचारों को बदल कर रख देती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ था IPS शालिनी अग्निहोत्री के साथ। आइए जानते हैं कैसे एक बस कंडक्टर की बेटी बन गई IPS।

शालिनी ने कभी IPS बनने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन जीवन में घटी एक घटना ने उन्हें IPS बनने का रास्ता दिखाया।

एक  इंटरव्यू में शालिनी ने बताया था, एक बार वह और उसकी मां उसी बस में सफर कर रही थीं, जिसमें उनके पिता कंडक्टर थे।

उन्होंने बताया, जहां मेरी मां बैठी थी। उनकी सीट के पीछे एक आदमी सीट पकड़कर खड़ा हुआ था। जिसके बाद मेरी मां ने अनुरोध किया कि हाथ यहां से हटा दीजिए। लेकिन उस आदमी ने ऐसा नहीं किया। आदमी ने गलत बर्ताव करते हुए कहा, आप क्या डीसी (कलेक्टर) हैं जो मैं आपकी बात मान जाऊं।

मैं उस समय बच्ची थी। उस वक्त मैंने सोचा आखिर ये डीसी कौन होता है, जिसकी बात सब मानते हैं। 

शालिनी ने बताया, जब मैं 10वीं क्लास में पहुंची तो इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हो गई थी। जिसके बाद मैंने सोच लिया था मैं पुलिस अफसर ही बनूंगी।

शालिनी बचपन से ही तेज-तर्रार थीं। उनकी मां ने बताया था, वह लड़कों के साथ कंचे खेला करती थी। जब मैं कहती  कि लड़कियां कंचे नहीं खेलती हैं तो मुझसे कहती थी, नहीं मम्मी लड़कियां कंचे भी खेल सकती हैं।

माता- पिता का योगदान

शालिनी हिमाचल के ऊना के ठठ्ठल गांव की रहने वाली हैं। छोटे से गांव में अकसर बेटी के जवान होने पर माता पिता को उसकी शादी की चिंता सताने लगती है, लेकिन शालिनी के माता- पिता ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

शालिनी ने बताया, भले ही पिता बस कंडक्टर के पद पर थे, लेकिन मेरी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ते थे।

शालिनी अग्निहोत्री ने सिर्फ 18 महीने की तैयारी के बाद 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी। IPS की ट्रेनिंग के दौरान शालिनी अग्निहोत्री को 65वें बैच में पहला स्थान मिला था। उनकी पहली पोस्टिंग कुल्लू में हुई थी।

शालिनी ने धर्मशाला के DAV स्कूल से पढ़ाई पूरी की है फिर हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।


ऐसे शुरू की UPSC की तैयारी

शालिनी ने बताया  हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी  में जाते वक्त नहीं सोचा था कि UPSC की परीक्षा दूंगी। लेकिन बचपन की बात याद आ गई थी। जिसके बाद मैंने इसके बारे में जानने की कोशिश की, फिर ये परीक्षा देने का मन बना लिया।

बता दें, शालिनी ने मई 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी। मार्च 2012 में इंटरव्यू दिया और मई 2012 में रिजल्ट आ गया, जिसमें ऑल इंडिया लेवल पर उन्होंने 285वीं रैंक हासिल की।

दिसंबर 2012 में हैदराबाद में ट्रेनिंग ज्वॉइन की थी। अभी शालिनी कुल्लू जिले में एसपी के पद पर सेवाएं दे रही हैं। बता दें, उन्हें सबसे पहले शिमला में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात किया गया था।


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