India-China / भारत-चीन के बीच घट रहा तनाव का तापमान, LAC पर और सैनिक नहीं भेजेंगे दोनों देश

AajTak : Sep 23, 2020, 06:21 AM
Delhi: भारत और चीन के बीच सोमवार को हुई कॉर्प्स लेवल की छठे दौर की वार्ता के बाद आज मंगलवार को दोनों ओर से जारी साझा बयान में एकतरफा कार्रवाई नहीं करने और दोनों देशों के नेताओं द्वारा महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने के अलावा दोनों जल्द ही सातवें दौर की वार्ता करने को राजी हो गए हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से बने तनावपूर्ण माहौल को सामान्य बनाने को लेकर बैठकों का दौर जारी है और सोमवार को इसी सिलसिले में सैन्य कमांडर्स के बीच छठे दौर की बैठक हुई जो करीब 13 घंटे तक चली।

दोनों देशों की ओर बैठक के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर्स के बीच छठे दौर की सैन्य कमांडर-स्तरीय बैठक हुई। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी के साथ स्थिति को स्थिर करने पर स्पष्ट और विचारों का गहन आदान-प्रदान किया।


गलतफहमी से बचने पर सहमति

जारी साझा बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी के साथ स्थिति को स्थिर करने पर स्पष्ट और विचारों का गहन आदान-प्रदान किया। वे दोनों देशों के नेताओं द्वारा महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने, जमीनी स्तर कम्युनिकेशन को मजबूत करने, गलतफहमी और गलतफहमी से बचने के अलावा मोर्चे पर अधिक सैनिकों को भेजने से रोकने पर सहमति बनी है।

साथ ही दोनों देश एकतरफा रूप से जमीन पर स्थिति को बदलने से परहेज करने और स्थिति को तनावपूर्ण बनाने को लेकर किसी भी कदम को उठाने से बचने पर सहमति जताई गई है।

यही नहीं साझा बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द 7वें दौर के सैन्य कमांडर-स्तरीय बैठक को लेकर राजी हो गए हैं। जमीनी स्तर पर समस्याओं के ठीक से निवारण के लिए व्यावहारिक उपाय करने और संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति और अमन बनाए रखने पर सहमति बनी।

इस बीच चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत दोनों मोर्चे पर अधिक सैनिकों को भेजने से रोकने को लेकर सहमत हो गए हैं। साथ ही एकतरफा रूप से जमीनी स्तर पर एकतरफा कार्रवाई से बचने और ऐसी किसी भी कार्रवाई को करने से बचने पर सहमति जताई गई है जो स्थिति को जटिल बना सकती है

इससे पहले सूत्रों के अनुसार, लद्दाख में जारी तनावपूर्ण माहौल के बीच बैठक के दौरान चीन ने भारत से कहा था कि वह 29 अगस्त के बाद पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर बनाए अपने पोजिशन से पीछे हटे। जबकि भारत ने जोर देकर कहा कि चीन को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अप्रैल-मई 2020 की समयसीमा से पहले वाली मौजूद स्थिति में वापस जाना चाहिए। जबकि चीन चाहता है कि भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर बनाए अपने पोजिशन से पीछे हटे।

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