Rajasthan News / जयपुर-आगरा हाईवे से तीसरे दिन भी नहीं हटा माली समाज- CM गहलोत ने की बात

Zoom News : Apr 23, 2023, 11:00 PM
Rajasthan News: आरक्षण की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों (21, 22 व 23 अप्रैल) माली समाज के लोग जयपुर-आगरा (NH-21) हाईवे पर धरना दे रहे हैं। रविवार को भी भरतपुर में हाईवे जाम रहा। गाड़ियों को दूसरे रूट से निकाला जा रहा है। उधर, आंदोलनकारी हाईवे पर टेंट में रात गुजार रहे हैं। शनिवार को बड़ी संख्या में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हाथ में लाठी-डंडे लिए हाईवे पर पहुंचे। यहां दिनभर धरना दिया। माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य और काछी समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर रखा है। संभागीय आयुक्त सांवर मल वर्मा ने हालात देखते हुए वैर भुसावर नदबई कस्बों में नेटबंदी रविवार रात 12 बजे तक बढ़ा दी गई है।

सीएम से बात हो गई, जल्द ही रास्ता निकलेगा

हिरासत में लिए सैनी समाज के नेताओं को रिहा करने की मांग को लेकर समाज का प्रतिनिधि मंडल रविवार रात 8 बजे जिला कलेक्टर आलोक रंजन से मिला और ज्ञापन सौंपा। फुले आरक्षण संघर्ष समिति सह संयोजक पप्पू भाई प्रधान की अगुवाई में मुलाकात हुई। पप्पू भाई प्रधान ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कहा कि सीएम से बात होने के बाद वे ज्ञापन देने आए हैं। सीएम से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात कही। बैठकर बात करने की बात भी कही। सीएम ने कहा कि ज्ञापन दीजिए, फिर जैसी भी बात होगी आपको अवगत करा देंगे। सीएम जननायक हैं, हमारी बात क्यों नहीं सुनेंगे। ज्ञापन देने के बाद हाईवे पर चक्काजाम रहेगा या नहीं, इस बारे में बता देंगे। सीएम से बात हो गई, अब जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा।

12 परसेंट आरक्षण की मांग अधूरी

पप्पू भाई प्रधान ने कहा कि हमने सरकार से 12 परसेंट आरक्षण के साथ 11 सूत्री मांग की थी। कुछ मांगें मान ली गई थीं। उनकी घोषणा भी हो चुकी थी। 12 परसेंट आरक्षण की मांग अधूरी है। हमने सरकार को आगाह किया था कि चक्का जाम कर देंगे। अब संदेश आया है कि कानूनी तरीके से आइए, आपसे बात की जाएगी।

माली समाज के नेताओं की रिहाई की मांग

ज्ञापन मिलने के बाद कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि उच्च अधिकारियों को ज्ञापन में लिखी मांगों के बारे में अवगत कराएंगे, फिलहाल शांति बनाए रखना प्राथमिकता है। ज्ञापन में हाईवे जाम को लेकर अरेस्ट किए गए समाज के 26 नेताओं व युवाओं को छोड़ने की मांग की गई है। इसे लेकर उच्च अधिकारियों से चर्चा करेंगे कि इसमें क्या कर सकते हैं। सरकार बात करने के लिए तैयार है। इनका प्रतिनिधि मंडल भी लगातार मिल रहा है।

फिलहाल नेशनल हाईवे-21 को खाली नहीं किया गया है। लोग अभी भी हाईवे पर डटे हैं। सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि हाईवे से हटने का ऐलान रिहा होने के बाद मुरारी लाल सैनी ही करेंगे।

अरोदा में हाईवे पर डटे हैं आंदोलनकारी

रविवार रात तक नेशनल हाईवे-21 पर अरोदा गांव के पास बड़ी संख्या में समाज की महिलाएं, युवा और बुजुर्ग हाथों में लाठियां लेकर डटे हैं। जयपुर या आगरा की ओर से आने वाले किसी भी वाहन को अरोदा गांव से नहीं निकलने दिया जा रहा है।

जयपुर से आगरा की तरफ जाने वाले वाहनों को नगर-भरतपुर होते हुए निकाला जा रहा है। वहीं आगरा से जयपुर जाने वाले वाहनों को उच्चैन तिराहे और डेहरा मोड़ से डायवर्ट किया गया है।

रविवार रात 12 बजे तक के लिए वैर भुसावर और नदबई कस्बों में इंटरनेट बंद है। ऐसे में इन कस्बों के के स्टूडेंट्स को काफी परेशानी हुई। रविवार दिन भर स्टूडेंट्स की भीड़ ई-मित्रों पर लगी रही। इसके अलावा व्यापारी भी परेशान रहे। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बंद होने के कारण व्यापार पर असर पड़ा।

आसपास के गांवों से आ रहा खाना

हाईवे पर डटे आंदोलनकारियों ने नेशनल हाईवे पर धूप से बचने के लिए टेंट गाड़ रखा है। रविवार को दिन में धूलभरी आंधी और बूंदाबांदी के बावजूद लोग हाईवे पर डटे थे। सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर का खाना और रात का भोजन भी हाईवे पर ही हो रहा है। कोई अशांति न फैले इसलिए आंदोलन स्थल से करीब 1 किलोमीटर दूर पुलिस का भारी जाब्ता तैनात है।

नोटिस पर हाजिर नहीं हुए तब गिरफ्तारियां हुईं

कलेक्टर आलोक रंजन ने रविवार दोपहर बताया कि आंदोलन के ऐलान के मद्देनजर 26 लोगों को नोटिस भेजा गया था, इनमें मुरारी लाल सैनी भी शामिल थे। वे हाजिर नहीं हुए तो उन्हें गिरफ्तार किया गया था। बीते साल सैनी समाज के लोगों ने मुरारी लाल सैनी के नेतृत्व में चक्का जाम किया था। सरकार से बात हुई और उनकी काफी मांगें मान ली गई थी। उस दौरान हुए प्रदर्शन में जिन आंदोलनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। फुले कल्याण बोर्ड का गठन भी किया गया। हाईवे जाम का ऐलान करने के बाद मुरारी लाल नोटिस पर हाजिर नहीं हुए तो वारंट जारी कर प्रिवेंट अरेस्ट किया गया।

गुरुवार 20 अप्रैल को मुरारी लाल सैनी ने चक्काजाम की घोषणा की थी, जिसके बाद भरतपुर पुलिस ने सैनी समेत 6 लोगों को गोवर्धन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद शुक्रवार 21 अप्रैल से आंदोलन भड़क गया और समाज के लोग शाम 7.30 बजे हाईवे पर आकर बैठ गए थे।

ये हैं समाज की प्रमुख मांगें

अब आंदोलनकारियों की मुख्य मांग है कि फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी सहित सभी लोगों को छोड़ा जाए। एडवाइजरी बोर्ड के बजाए लवकुश बोर्ड गठित किया जाए, जिसमें अध्यक्ष, मेंबर और डेवलपमेंट के लिए फंड हो, समाज के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण दिया, क्योंकि प्रदेश में समाज की जनसंख्या 12 प्रतिशत से ज्यादा है। रोहिणी कमीशन के जरिए समाज का सर्वे करवाया जाए।

आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर राजस्थान में गुस्सा है। आंदोलन की आग नेशनल हाईवे तक पहुंच चुकी है। भरतपुर में आगरा-जयपुर नेशनल हाईवे-21 शुक्रवार शाम 7.30 बजे से ही जाम है। माली, सैनी, कुशवाह, मौर्य समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर दिया। पुलिस एक किलोमीटर दूर से तमाशा देख रही है। 

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