देश / आम आदमी के लिए बहुत काम की हैं मोदी सरकार की सस्ते में किराए पर रहने और खाने की स्कीम

News18 : Sep 09, 2020, 04:25 PM
नई दिल्ली। कोरोना के कारण इकॉनमी तबाह हो गई है और लोगों की नौकरियां चली गई हैं। अब हाल ये हो गया है कि लोगों के पास खाने और रहने के पैसे नहीं हैं। इसी के मद्देनजर मोदी सरकार लोगों को कई सहूलियतें मुहिया करा रही है। कई अलग-अलग योजनाओं के तहत गरीबों और जरुरतमंदों को मुफ्त में खाने और रहने की सुविधा भी दी जा रही है। पीएम मोदी ने इस बात की जानकारी आज ट्वीट कर के भी दी है। शहरी गरीबों को कम बजट पर आवास की सुविधा मुहैया कराने वाली अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्सेज स्कीम (Rental Housing Complexes Scheme) शुरू हो चुकी है।


पिछले दिनों आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सरकार ने इस स्कीम का ऐलान किया था। इसके जरिए सरकार शहरी क्षेत्रों में गरीबों और मजदूरों को उनके कार्यक्षेत्रों के निकट ही कम दाम में किराये के घर मुहैया कराएगी। इसके साथ ही वन नेशन वन कार्ड (One Nation One Card) के तहत मोदी सरकार 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को नवंबर तक फ्री अनाज दे रही है। आइए आपको बताते हैं कि आप इस योजना का कैसे लाभ उठा सकते हैं जिसके जरिए आपको खाना और रहना दोनों में मुश्किलें नहीं आयेंगी।।केंद्र सरकार की फंडिंग से तैयार किए गए खाली आवासीय परिसरों को अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्सेज में तब्दील किया जाएगा। इनके लिए 25 सालों का कंसेशन अग्रीमेंट किया जाएगा। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत चलने वाली इस स्कीम के तहत पानी की सुविधा, सीवर, सैनिटेशन, रोड और अन्य कार्य भी किए जाएंगे। इस स्कीम के जरिए 3.5 लाख मजदूरों को इस स्कीम से राहत मिलेगी। सरकार के मुताबिक इन आवासों को वर्कप्लेस के निकट ही तैयार किया जाएगा। इससे मजदूरों को अनावश्यक यात्रा, जाम और प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। सरकार का कहना है कि इससे मजदूरों को वर्कप्लेस पर जाने में लंबी यात्रा से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा उनके खर्च में भी कमी आएगी और उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा।

वन नेशन वन राशन कार्ड योजना मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह है। जिस तरह से आप अपने मोबाइल नंबर को बरकरार रखते हुए दूसरे टेलीकॉम कंपनी की सेवा लेते हैं। इसी तरह आप राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के तहत देश में कहीं रहेंगे अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं। अगर मान लीजिए कि एक राशनकार्ड पर पांच मेंबर हैं और पांचों अलग-अलग राज्यों में रह रहें तो भी वह अपने हिस्से का राशन इन राज्यों से उठा सकते हैं। प्रत्येक परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल औऱ एक किलो चना दिया जाएगा।पांच मेंबर हैं और पांचों अलग-अलग राज्यों में रह रहें तो भी वह अपने हिस्से का राशन इन राज्यों से उठा सकते हैं। प्रत्येक परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल औऱ एक किलो चना दिया जाएगा।

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