- भारत,
- 04-Jun-2025 02:39 PM IST
PM Shahbaz Sharif: ऑपरेशन सिंदूर में करारी शिकस्त खाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी पुरानी आदत से मजबूर नजर आ रहा है। एक ओर भारत की ओर से साफ संकेत दिए जा चुके हैं कि अगर कोई हरकत हुई तो जवाब पहले से ज्यादा कठोर होगा, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अब भी जंग की गीदड़भभकियों से बाज नहीं आ रहा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक हालिया बयान में कहा है कि भारत लगातार उन्हें धमकियां दे रहा है—कभी गोली की बात करता है, कभी पानी रोकने की। शरीफ ने कहा, "हमने 1960 में सिंधु जल समझौता किया था, और सिंधु नदी का हर कतरा पाकिस्तान की आवाम का हक है।"
सिंधु पर सियासत और पानी की चिंता
शरीफ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेताया था—"रोटी खाओ नहीं तो मेरी गोली है ही।" इस बयान का असर पाकिस्तान में साफ देखा जा सकता है। शरीफ से लेकर भुट्टो तक, हर कोई मोदी के शब्दों से बौखलाया नजर आ रहा है।
शरीफ ने अपनी स्पीच में यह भी कहा कि, "भारत पहले भी धमकियां देता था, और इस बार के ऑपरेशन सिंदूर में उसे उसका मजा चखा दिया गया। अगर फिर कोई हरकत की गई, तो भारत को सबक सिखाया जाएगा।"
अमेरिका में बिलावल की बेबसी
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भी अमेरिका में जाकर भारत को लेकर शिकायती लहजा अपनाया। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए उन्होंने पीएम मोदी के बयानों को 'भड़काऊ' बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई। बिलावल ने कहा, "पाकिस्तान भारत से बातचीत के लिए तैयार है," लेकिन उनकी यह ‘तैयारी’ असल में एक कूटनीतिक मजबूरी और दबाव का संकेत ज्यादा लगती है।
भारत की स्पष्ट नीति: अब एक्शन ही जवाब
भारत की ओर से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि अब सिर्फ वार्ता या कड़ी निंदा से काम नहीं चलेगा। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई नापाक हरकत की, तो जवाब सिर्फ सर्जिकल नहीं, निर्णायक भी होगा। प्रधानमंत्री मोदी के ‘गोली और पानी’ वाले बयान ने न सिर्फ पाकिस्तान में खलबली मचाई है, बल्कि यह भी जता दिया है कि अब भारत रक्षात्मक नहीं, आक्रामक नीति पर चल रहा है।
बौखलाहट में बयान, पर असल में बेबसी
पाकिस्तान के नेताओं की हालिया बयानबाजी, चाहे वह शहबाज शरीफ की हो या बिलावल भुट्टो की, एक बात तो साफ करती है—भारत की सैन्य और कूटनीतिक शक्ति से उनका डर असली है। ऑपरेशन सिंदूर की गूंज अभी थमी नहीं है और यदि पाकिस्तान ने फिर कोई दुस्साहस किया, तो उसे एक और करारा सबक मिलना तय है।