COVID-19 Update / अनलॉक में ठीक नहीं जल्दबाजी, एक्सपर्ट ने खतरों को लेकर किया आगाह

Zoom News : Jun 14, 2021, 11:24 AM
Delhi: देश में कोरोना का संकट कुछ हदतक काबू में आने लगा है और धीरे-धीरे नए मामलों की संख्या कुछ कम होने लगी है। अब देश में एक्टिव केस की संख्या भी दस लाख के नीचे चली गई है, ऐसे में अलग-अलग राज्यों में अनलॉकिंग शुरू हो गई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में काफी हदतक छूट दी जा रही है, हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो अभी अनलॉकिंग की स्पीड को कुछ स्लो करने की जरूरत है।

एम्स मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ। नवीत विग के मुताबिक, अनलॉकिंग को बेहद धीमी गति से लागू करने की ज़रूरत है। अभी भी हॉटस्पॉट का ध्यान रखना ही होगा, हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना गाइडलाइन्स का पालन जरूर किया जाए। क्योंकि ये नहीं भूलना चाहिए कि अभी देश में करीब 10 लाख एक्टिव केस हैं।

एक इंटरव्यू में डॉ। नवीत विग ने कहा कि अगर थोड़ा पैनिक रहता है, तो अभी ठीक है। क्योंकि अभी भी 80-85 हज़ार केस हर रोज़ आ रहे हैं, यानी वायरस अभी भी मौजूद है। ऐसे में अभी भी कोविड गाइडलाइन्स का पालन, जिसमें साफ मास्क का प्रयोग काफी जरूरी है। 

अनलॉकिंग को लेकर डॉ। नवीत ने कहा कि वायरस अभी भी है, ऐसे में अनलॉकिंग को लेकर सही रणनीति होना ज़रूरी है। अगर हम काफी तेज़ी से अनलॉक करेंगे, तो ये चिंता बढ़ा सकता है। हमें मौजूदा केस और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के हिसाब से ही रणनीति बनानी होगी। 


अनलॉकिंग की ओर बढ़ चला है देश।।।

गौरतलब है कि देश में एक वक्त में हर रोज़ चार लाख केस आ रहे थे, लेकिन अब ये संख्या लगातार एक लाख से कम पर रुकी हुई है। दिल्ली में तो अब पांच सौ से कम केस आ रहे हैं, जबकि एक्टिव केस की संख्या भी पांच हज़ार से कम है, ऐसे में राजधानी में अनलॉकिंग जारी है। दिल्ली में अब स्कूल-जिम-कॉलेज-स्पा जैसे स्थानों को छोड़कर लगभग सभी चीज़ों को खोल दिया गया है। 

दिल्ली का अनलॉक-3 सोमवार से ही शुरू हो रहा है,ऐसे में सावधानी बरतने की ज़रूरत है। वहीं, उत्तर प्रदेश में भी अब सभी 75 जिलों में अनलॉकिंग हो चुकी है और वीक डेज़ में सुबह सात बजे से शाम को सात बजे तक अधिकतर बाज़ार खुल रहे हैं। 

दिल्ली-यूपी के अलावा अन्य राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं, हालांकि हर ओर अभी केस को देखते हुए काफी संभल-संभलकर कदम उठाने की कोशिश है। गौरतलब है कि लंबे वक्त के बाद अब देश में एक्टिव केस की संख्या दस लाख से नीचे चली गई है। 


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