News18 : Aug 11, 2020, 07:53 AM
नई दिल्ली। जानवरों में कुत्तों को इंसानों का सबसे अच्छा दोस्त माना गया है। इंसानों की वफादारी और दोस्ती के सबूत भी कई बार देखने-सुनने को मिल चुके हैं। अब ऐसी ही एक और घटना केरल (Kerala) के इडुक्की (Idukki) में देखने को मिल रही है। यहां के राजमाला में पिछले दिनों बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 45 लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे से अभी भी लोगों के शव निकालने का काम जारी है। आम लोगों के साथ ही अन्य बल इस काम में लगे हैं। लेकिन उनके अलावा वहां दो स्थानीय कुत्ते भी हादसे के दिन से डेरा जमाए हैं।
ये दोनों कुत्ते बिना कुछ खाए-पिए वहां अपने इंसानी 'दोस्तों' का इंतजार कर रहे हैं। वे उनके लिए खोज करते हैं। राहत कार्य में लगे कुछ लोगों ने इन दोनों कुत्तों को खाना खिलाने का प्रयास भी किया, लेकिन कुत्तों ने उसे नहीं खाया। एक मजदूर के अनुसार कुछ लोगों ने इन कुत्तों को फुसलाकर थोड़ा सा खाना खिलाया।शुक्रवार को राजमाला के इस हिस्से में बारिश के कारण भूस्खलन होने से पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढह गया था। इसमें मजदूरों के करीब 30 घर दब गए। करीब 45 लोगों की मौत हुई तो 28 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इनमें इन दो कुत्तों के इंसानी दोस्त भी शामिल हैं।स्थानीय पत्रकार एमजे बाबू के अनुसार ये दोनों कुत्ते रोजाना इधर-उधर आते-जाते हैं। जब भी कहीं से कोई शव निकाला जाता है जो ये कुत्ते वहां पहुंच जाते हैं। इसके बाद फिर छांव में जाकर खड़े हो जाते हैं और दूसरे शव के निकलने का इंतजार करते हैं। कुछ लोगों ने इन दोनों कुत्तों को अपने घर ले जाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।
ये दोनों कुत्ते बिना कुछ खाए-पिए वहां अपने इंसानी 'दोस्तों' का इंतजार कर रहे हैं। वे उनके लिए खोज करते हैं। राहत कार्य में लगे कुछ लोगों ने इन दोनों कुत्तों को खाना खिलाने का प्रयास भी किया, लेकिन कुत्तों ने उसे नहीं खाया। एक मजदूर के अनुसार कुछ लोगों ने इन कुत्तों को फुसलाकर थोड़ा सा खाना खिलाया।शुक्रवार को राजमाला के इस हिस्से में बारिश के कारण भूस्खलन होने से पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढह गया था। इसमें मजदूरों के करीब 30 घर दब गए। करीब 45 लोगों की मौत हुई तो 28 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इनमें इन दो कुत्तों के इंसानी दोस्त भी शामिल हैं।स्थानीय पत्रकार एमजे बाबू के अनुसार ये दोनों कुत्ते रोजाना इधर-उधर आते-जाते हैं। जब भी कहीं से कोई शव निकाला जाता है जो ये कुत्ते वहां पहुंच जाते हैं। इसके बाद फिर छांव में जाकर खड़े हो जाते हैं और दूसरे शव के निकलने का इंतजार करते हैं। कुछ लोगों ने इन दोनों कुत्तों को अपने घर ले जाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।