ZIM vs NZ / टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ तीसरी बार हुआ ये कमाल, पिछली बार 39 साल पहले हुआ था ऐसा

बुलवायो में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड का दबदबा कायम है। पहली पारी में तीन बल्लेबाज—कॉन्वे (153), रवींद्र (165*) और निकल्स (150*)—ने 150+ रन बनाए, जो टेस्ट इतिहास में तीसरी बार हुआ। कीवी टीम 601/3 पर 476 रन की बढ़त ले चुकी है, जबकि जिम्बाब्वे 125 पर सिमटा।

ZIM vs NZ: जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के बीच बुलवायो के क्वींस स्पोर्ट्स क्लब में खेली जा रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। इस मैच के पहले दो दिनों में न्यूजीलैंड की टीम ने पूर्ण दबदबा बनाए रखा है। खास तौर पर दूसरे दिन के खेल में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक दुर्लभ कारनामा देखने को मिला, जब न्यूजीलैंड की पहली पारी में तीन बल्लेबाजों ने 150 से अधिक रन बनाए। यह उपलब्धि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल तीसरी बार देखने को मिली है।

न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों का शानदार प्रदर्शन

दूसरे दिन के खेल में न्यूजीलैंड की पहली पारी में डीवोन कॉन्वे ने 153 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि रचिन रवींद्र 165 रन और हेनरी निकल्स 150 रन बनाकर नाबाद रहे। यह पहली बार है जब न्यूजीलैंड ने अपने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक पारी में तीन बल्लेबाजों द्वारा 150 से अधिक रनों की पारी देखी। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह उपलब्धि इससे पहले केवल दो बार हासिल की गई थी:

  • 1938: इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, द ओवल

  • 1986: भारत बनाम श्रीलंका, कानपुर

  • 2025: न्यूजीलैंड बनाम जिम्बाब्वे, बुलवायो

कीवी टीम की मजबूत स्थिति

दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक न्यूजीलैंड ने 3 विकेट के नुकसान पर 601 रन बना लिए थे, जिससे उन्हें पहली पारी के आधार पर 476 रनों की विशाल बढ़त हासिल हो चुकी थी। दूसरी ओर, मेजबान जिम्बाब्वे की टीम अपनी पहली पारी में महज 125 रनों पर सिमट गई थी। न्यूजीलैंड की इस मजबूत स्थिति को देखते हुए तीसरे दिन के खेल में इस मुकाबले का परिणाम सामने आ सकता है।

ऐतिहासिक संदर्भ

टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में तीन बल्लेबाजों द्वारा 150 से अधिक रनों की पारी खेलना एक असाधारण उपलब्धि है। इससे पहले यह कारनामा 39 साल पहले 1986 में देखने को मिला था, जब भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ कानपुर में यह रिकॉर्ड बनाया था। न्यूजीलैंड की इस उपलब्धि ने न केवल उनके बल्लेबाजी कौशल को दर्शाया, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय भी जोड़ा।