कोरोना वायरस / पुणे की ये कंपनी, वैक्सीन में निभा सकती है बड़ा रोल, PM मोदी भी रख रहे नजर

News18 : May 23, 2020, 11:26 AM
पुणे।  दुनिया भर में कोरोना (Corornavirus) का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रह रहा है। अब तक इस खतरनाक वायरस की चपेट में 52 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं। जबकि अब तक 3 लाख 37 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन अभी तक दुनिया के किसी भी कोने में कोरोना का इलाज तलाशा नहीं जा सका है। सौ से ज्यादा वैक्सीन पर इस वक्त काम चल रह है, जिसमें से करीब 9 का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। लेकिन अब तक किसी को कोई ठोस कामयाबी हाथ नहीं लगी है। इस बीच दुनिया भर की निगाहें पुणे के वैक्सीन (Vaccine) बनाने की बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) पर टिकी है। वो कंपनी जहां दुनिया के आधे से ज्यादा वैक्सीन तैयार होते हैं।

यहीं पर तैयार होगी ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन

कोरोना वायरस के इस दौर में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हलचल काफी ज्यादा बढ़ गई है। अगर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) की बनाई कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) कामयाब रहती है तो इसका उत्पादन यहीं पर होगा। इन दिनों इस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण किया जा रहा है। कंपनी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ इसके उत्पादन करने के लिए साझेदारी की है।

कंपनी पर पीएम की नज़र

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पर केंद्र सरकार की भी नजर है। यहां के स्टाफ दिन रात काम कर रहे हैं। कंपनी को हर दिन सरकार की तरफ से व्हाट्सएप पर मैसेज भेजे जाते हैं। सरकार ये जानना चाहती है कि क्या उन्हें कामकाज में परेशानी तो नहीं हो रही। कंपनी के रिसर्च डवलपमेंट के प्रमुख उमेश शालीग्राम के मुताबिक ये मैसेज आमतौर पर पीएम मोदी के साइंटिस्ट एडवाइजर के विजयराघवन की तरफ से भेजे जाते हैं। शालीग्राम ने कहा, 'किसी भी देरी के लिए आप उन्हें बता दीजिए। किसी भी काम के लिए क्लीयरेंस मिलने में देरी नहीं होती है। जिस काम को सरकार से हरी झंडी मिलने में 4-6 महीने का वक्त लगता था वो अब एक दो दिनों में हो रहे हैं। कई बार तो अप्रूवल रविवार रात तो मिल जाता है।'

यहां तैयार होते हैं ज़्यादातर वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला के मुताबिक दुनिया के 60-70 फीसदी वैक्सीन का उत्पादन यहीं पर होता है। करीब 1।5 बिलियन वैक्सीन के डोज़ यहां हर साल बनते हैं। करीब डेढ़ सौ एकड़ में फैले इस इंस्टीट्यूट में लॉकाडउन के दौरान भी काफी चहल-पहल दिख रही है। पूनावाला का कहना है कि वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना से लड़ने के लिए दवाई की भी जरूरत है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि वैक्सीन किसी मरीज पर पूरा काम नहीं करता है।

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