Donald Trump News / ट्रंप ने दी कड़ी चेतावनी, 'ज़ेलेंस्की को समझौता करना होगा और यूरोप अब रूस से तेल खरीदना बंद करे'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कड़ा बयान देते हुए यूरोपीय देशों से रूस से तेल खरीद बंद करने को कहा। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को समझौता करने की नसीहत दी। साथ ही चीन पर रूस को सहयोग देने का आरोप लगाते हुए नाटो सहयोगियों से कड़े प्रतिबंधों की मांग की।

Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोपीय देशों को सख्त चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय राष्ट्रों को तत्काल रूस से तेल खरीदना बंद करना चाहिए, क्योंकि यह खरीद मॉस्को को युद्ध जारी रखने के लिए धन उपलब्ध करा रही है। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को भी समझौता करने की सलाह दी, ताकि यह 'बेतुका युद्ध' जल्द समाप्त हो सके। पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने जोर देकर कहा, "युद्ध खत्म करने के लिए जेलेंस्की को अब पुतिन के साथ समझौता करना ही होगा, और यूरोप को रूस से तेल खरीदना बंद करना होगा।"

ट्रंप की यह टिप्पणी रूस के हालिया हमलों के बाद आई है, जिसमें यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया गया। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी ट्रुथ सोशल पोस्ट में नाटो सदस्य देशों को पत्र लिखकर कहा कि वे रूसी तेल की खरीद पूरी तरह रोकें और रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नाटो देश ऐसा नहीं करते, तो अमेरिका भी अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने से चूकेगा। "मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं, लेकिन केवल तभी जब सभी नाटो राष्ट्र सहमत हों और रूसी तेल की खरीद बंद कर दें," ट्रंप ने लिखा।

यूरोपीय देशों पर दबाव: प्रतिबंध अपर्याप्त

ट्रंप ने एक दिन पहले भी यूरोपीय नेताओं से बातचीत में रूसी तेल खरीद पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के मौजूदा प्रतिबंध पर्याप्त कड़े नहीं हैं। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के अनुसार, 2022 से यूरोपीय देशों ने रूस से तेल और गैस पर लगभग 210 अरब यूरो (लगभग 182 अरब पाउंड) खर्च किए हैं, जो युद्ध को फंड करने में मददगार साबित हो रहा है। ट्रंप ने नाटो को पत्र में लिखा, "नाटो की युद्ध जीतने की प्रतिबद्धता 100 प्रतिशत से कम रही है, और कुछ सदस्यों द्वारा रूसी तेल खरीदना शॉकिंग है।"

यूरोपीय आयोग ने 2028 तक रूसी तेल और गैस आयात चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन अभी भी कुछ देश जैसे हंगरी और स्लोवाकिया रूस पर निर्भर हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर नाटो रूसी तेल बंद कर दे और चीन पर 50-100 प्रतिशत टैरिफ लगाए, तो युद्ध जल्द खत्म हो जाएगा। "ये शक्तिशाली टैरिफ चीन के रूस पर पकड़ को तोड़ देंगे," उन्होंने जोड़ा।

जेलेंस्की को समझौते की नसीहत: शांति वार्ता की दिशा

ट्रंप ने जेलेंस्की को स्पष्ट संदेश दिया कि अब समझौता अनिवार्य है। अगस्त में अलास्का में पुतिन के साथ अपनी बैठक के बाद ट्रंप ने यूक्रेन को क्रिमिया और अन्य क्षेत्रों पर समझौता करने का सुझाव दिया था। उन्होंने फॉक्स न्यूज को बताया, "जेलेंस्की को डील करनी होगी।" यूक्रेन के राष्ट्रपति ने हाल ही में ट्रंप से बातचीत में शांति वार्ता पर जोर दिया, लेकिन रूस पर नए प्रतिबंधों की मांग की। जेलेंस्की ने कहा, "रूस को जबरदस्ती बदलना होगा।"

ट्रंप ने अपनी मध्यस्थता की इच्छा दोहराई, लेकिन यूरोपीय सहयोगियों पर जोर दिया। अगस्त में व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक में ट्रंप ने सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की, जिसमें यूरोपीय सैनिकों की तैनाती का प्रस्ताव था। हालांकि, क्रेमलिन ने पश्चिमी सैनिकों की उपस्थिति को अस्वीकार किया है।

भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ: 'अनुचित' प्रतिक्रिया

ट्रंप की नीतियां वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल रही हैं। उन्होंने भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए 25% बेसिक टैरिफ के अलावा 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल 50% हो गया। यह कदम अगस्त में लिया गया, और भारत ने इसे "अनुचित और अनुचित" करार दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा, जैसे किसी बड़ी अर्थव्यवस्था द्वारा किया जाता है।"

ट्रंप ने कहा कि भारत रूसी तेल खरीदकर युद्ध को फंड कर रहा है, जबकि भारत ने बाजार कारकों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देते हुए कहा कि दबाव सहन किया जाएगा। यह टैरिफ भारत के फार्मास्यूटिकल्स और ज्वेलरी जैसे निर्यात को प्रभावित कर सकता है।

चीन का दो टूक जवाब: युद्ध का समाधान नहीं

ट्रंप ने नाटो सहयोगियों से चीन पर 50-100% टैरिफ लगाने का आग्रह किया, आरोप लगाते हुए कि बीजिंग रूस को धन और सैन्य क्षमता मुहैया करा रहा है। चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, जो मॉस्को की 40% निर्यात आय का स्रोत है।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने तीखा जवाब दिया: "चीन जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए शांति वार्ता को बढ़ावा देता है। युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है, और प्रतिबंध उन्हें और जटिल बना देंगे।" उन्होंने स्पष्ट किया कि "चीन युद्धों में भाग नहीं लेता या उनकी योजना नहीं बनाता।" चीनी प्रवक्ता लिन जियान ने इसे "एकतरफा धौंस" करार दिया।

ट्रंप की यह रणनीति वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि नाटो की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं। यूरोपीय नेता टैरिफ से सतर्क हैं, जबकि यूक्रेन अधिक प्रतिबंधों की मांग कर रहा है। क्या ट्रंप की चेतावनियां युद्ध समाप्त करने में सफल होंगी, यह समय बताएगा।