Rajasthan ट्विटर ट्रेंड / कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने सोशल मीडिया पर खोला मोर्चा, 'गहलोत सरकार होश में आओ' हैशटैग दिनभर ट्विटर पर ट्रेंड में रहा

Zoom News : Aug 29, 2020, 10:57 PM
  • डाॅ. सतीश पूनियां, चन्द्रशेखर, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, राजेन्द्र राठौड़, दीया कुमारी, सी.पी. जोशी सहित पार्टी के तमाम सांसदों, विधायकों एवं पदाधिकारियों ने किये ट्वीट
जयपुर | भाजपा के आह्वान पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ चल रहे ‘‘हल्ला बोल’’ के तहत आमजन और भाजपा कार्यकर्ताओं ने ट्विटर पर राज्य सरकार के खिलाफ मुखर एवं मजबूती के साथ विरोध दर्ज करवाया। आज सुबह 10 बजे से ही आमजन, भाजपा कार्यकर्ताओं, भाजपा जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने ट्विटर पर ‘‘गहलोत सरकार होश में आओ’’ (#गहलोतसरकारहोशमेंआओ) हैशटैग पर खूब ट्वीट किए। शुरूआत के डेढ़ घंटे में ही राज्य सरकार के विरोध में करीब 10 हजार ट्वीट्स हुए और शाम 06 बजे तक 28 हजार से अधिक ट्वीट के साथ ये हैशटैग पूरे भारत में नेशनल ट्रेंड में रहा। 

उल्लेखनीय है, कि कोरोना महामारी के कारण भाजपा ना केवल जनता के बीच जमीनी स्तर पर रहकर सरकार का भारी विरोध कर रही है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी पूरी मजबूती के साथ विरोध दर्ज करवा रही है। प्रदेशभर में भाजपा जिला, बूथ, मण्डल एवं गांव-ढ़ांणियों तक जमीन से लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध कर रही है, जिसका आमजन भी पूरा समर्थन कर रहा है। 

‘‘गहलोत सरकार होश में आओ’’ हैशटैग पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने ट्वीट किया कि, किसानों को कर्जमाफी, बेरोजगारों को भत्ते और भर्ती, जनता को सस्ती बिजली का झांसा, एक भी पूरी नहीं की कोई आशा। इसी हैशटैग पर प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर ने ट्वीट किया कि किसानों की कर्जमाफी जैसे बड़े मुद्दों को भूल, राज्य सरकार जनता को बना रही है ‘‘फूल’’। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ट्वीट किया कि षडयंत्रों में व्यस्त गहलोत सरकार विफलता की पराकाष्ठा है। उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट किया कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही 10 दिनों के भीतर सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी, संविदाकर्मियों को नियमित करने और युवाओं को 3500 रूपये बेरोजगारी भत्ता देने जैसे अनेकों वादे जनघोषणा पत्र के माध्यम से किए गए, लेकिन हर वादा कपोल कल्पित साबित हुआ है। केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी धरी ने ट्वीट किया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में बिजली के बिलों में बढ़ोतरी नहीं करने का वायदा किया था, किंतु अब सरकार वादाखिलाफी करते हुए कोरोनाकाल में ही प्रदेश की जनता को राहत देने के बजाय बिजली के बिलों में बढ़ोतरी कर रही हैै। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने ट्वीट किया कि राजस्थान की कांग्रेस परीक्षाओं का विरोध कर रही हैं, ताकि राज्य की अटकी भर्तियों को पूरी करने की मांग ना करे छात्र और ना ही कोई नई भर्ती निकालनी पड़ेगी, होटल वाली सरकार छोटी सेाच से आगे नहीं बढ़ सकती। 

प्रदेश महामंत्री एवं सांसद दीया कुमारी ने ट्वीट किया कि गहलोत सोच रहे हैं सरकार कैसे बचाएंगे, किसान सोच रहे फसल कैसे बचाएंगे, बेरोजगार सोच रहे हैं पैसे कैसे कमाएंगे, आमजन सोच रहे हैं बिजली का बिल कैसे भरेंगे, घर कैसे चलाएंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सांसद सी.पी. जोशी ने ट्वीट किया कि नौजवान बेहाल, किसान परेशान, युवतियां पीड़ित, दलित शोषित, व्यापारी त्रस्त, पेंशनधारी परेशान, दलितों पर अत्याचार, पैर पसारता भ्रष्टाचार, होश में आओ गहलोत सरकार। सांसद रामचरण बोहरा ने ट्वीट किया कि किस विकास की बात करते हो गहलोत जी? राजस्थान बलात्कार में आगे, दुष्कमों में आगे, महिला दुराचार में आगे, महिलाओं पर अत्याचार में आगे, बड़े अफसोस की बात है गृह मंत्रालय आपके पास होकर भी सरकार महिला सुरक्षा के मामले में बिल्कुल विफल है। सांसद महंत बालकनाथ ने ट्वीट किया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है, अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। बीते 20 माह में राजस्थान अपराधियों की ऐशगाह बन गया है, लेकिन सरकार अभी तक होश में नहीं आई। सांसद दुष्यंत सिंह ने ट्वीट किया कि राजस्थान में बिजली दरों की बढ़ोतरी से जनता परेशान है, महिलाओं पर अत्याचार चरम पर है, प्रशासन की लापरवाही के चलते मुकंदरा में टाइगर दम तोड़ रहे हंै, लेकिन राजस्थान सरकार ने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए मौन व्रत धारण कर रखा है। प्रदेश मीडिया प्रभारी विमल कटियार ने ट्वीट किया कि अशोक गहलोत होश में आओं, बिजली की बढ़ी हुई दरें वापस लो, वापस लो, फ्यूल चार्ज की वसूली बंद करो, बंद करो। 

इस हैशटैग के साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों सहित विभिन्न कार्यकर्ताओं ने ट्वीट कर कांग्रेस सरकार को जनहित के मुद्दों पर घेरा और मुख्यमंत्री से जवाब मांगा।  


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