उदयपुर / राजसमंद में दीया कुमारी 225894 वोटों से आगे, उदयपुर, भीलवाड़ा और चितौड़गढ़ में भी भाजपा को बढ़त

Dainik Bhaskar : May 23, 2019, 12:55 PM
राजसमंद, उदयपुर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में आज सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना

चित्तौड़गढ़ में हमेशा की तरह भाजपा और कांग्रेस के बीच देखने को मिल सकती है कड़ी टक्कर

जयपुर। उदयपुर समेत मेवाड़ की चारों लोकसभा सीटों मतगणना जारी है। राजसमंद से भाजपा ने दीया कुमारी 225894 वोटों से आगे चल रही हीं। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के देवकीनंदन हैं। वहीं उदयपुर, भीलवाड़ा और चितौड़गढ़ में भी भाजापा को बढ़त मिली है।उदयपुर से रघुवीर मीणा (कांग्रेस) और अर्जुनलाल मेघवाल (भाजपा), भीलवाड़ा से रामपाल शर्मा (कांग्रेस) और सुभाष चंद्रा बाहेरी (भाजपा), चित्तौड़गढ़ से गोपाल सिंह इड़वा (कांग्रेस) और चंद्रप्रकाश जोशी (भाजपा) मैदान में हैं।

उदयपुर: सुखाड़िया परिवार के इर्द-गिर्द रही राजनीति

उदयपुर परंपरागत रूप से कांग्रेस की ही सीट रही है। 1952 से 1971 तक हुए चुनाव में यहां से कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की। 1980 में कांग्रेस के मोहनलाल सुखाड़िया और 1984 में उनकी पत्नी इंदुबाला सुखाड़िया ने जीत दर्ज की। उदयपुर की राजनीति में सुखाड़िया परिवार का दबदबा रहा है। यहां के मोहनलाल सुखाड़िया आधुनिक राजस्थान के जनक कहे जाते हैं। वह 17 साल तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। साल 1980 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और विजयी रहे। सुखाड़िया ने जनता पार्टी के भानुकुमार शास्त्री को हराया था।

1984 में उनकी पत्नी इंदुबाला सुखाड़िया ने लोकसभा चुनाव जीता। परिसीमन के बाद साल 2009 में उदयपुर रिजर्व सीट बन गई। इससे यहां सामान्य वर्ग के नेताओं का रुझान कम हो गया। रिजर्व सीट होने के बाद यहां एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। 

राजसमंद : प्रदेश की चर्चित सीटों में से एक

राजसमंद लोकसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। 2014 में मोदी लहर में यहां से भाजपा के हरिओम सिंह राठौड़ ने जीत हासिल की। साल 2009 में पहला आम चुनाव हुआ था, जिसे कांग्रेस नेता गोपाल सिंह शेखावत ने जीता था। इस साल ये राजस्थान की चर्चित सीटों में से एक है, क्योंकि यहां से भाजपा ने जयपुर राजघराने की दीया कुमारी को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से देवकीनंदन मैदान में हैं।

भीलवाड़ा : मोदी लहर में कांग्रेस ने खोई सीट

भीलवाड़ा में साल 1952 से 2014 तक हुए 16 चुनावों में कांग्रेस ने 8 बार जीत दर्ज की। भाजपा यहां से 4 बार जीत दर्ज कर चुकी है। शेष चुनावों में अखिल भारतीय रामराज्य परिषद, भारतीय लोक दल, भारतीय जन संघ, भारतीय लोक दल ने एक-एक बार चुनाव में जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव में मोदी लहर में यहां से भाजपा के सुभाष बहेरिया ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने प्रदेश मंत्री अशोक चांदना को हराया था।

चित्तौड़गढ़: कांग्रेस और भाजपा में रही कड़ी टक्कर

आजादी के बाद 1962 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुए। कांग्रेस और भाजपा दोनों में हमेशा कड़ी टक्कर रही है। कांग्रेस ने 16 में से 5 बार इस सीट पर जीत हासिल की, तो वहीं भाजपा ने 6 बार इस सीट पर कब्जा जमाया। केंद्रीय मंत्री रहे जसवंत सिंह भी दो बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं। वहीं, कांग्रेस से गिरिजा व्यास भी इस सीट से एक बार सांसद रह चुकीं हैं। फिलहाल, भाजपा के चंद्र प्रकाश जोशी इस सीट से सांसद हैं।

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