Maharashtra / Shiv Sena नाम और चुनाव चिन्ह छिनने के बाद एक्शन में उद्धव ठाकरे, करने जा रहे ये काम

Zoom News : Feb 21, 2023, 02:07 PM
Uddhav Thackeray in action: शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह छिनने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) एक्शन में आ गए हैं. उद्धव ठाकरे ग्राम सभा के बाद 26 मार्च को मालेगांव में जनसभा करेंगे. उद्धव ठाकरे अब पार्टी संगठन के विकास के लिए सीधे मैदान में उतरने की तैयारी में हैं और बागी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा करेंगे. बता दें कि उद्धव ठाकरे 5 मार्च को भी मालेगांव में जनसभा करने वाले है.

उद्धव गुट की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले गुट की उस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता देने और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है. ठाकरे गुट की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी एवं न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मंगलवार को इस मामले का जिक्र किया.

चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को माना असली शिवसेना

निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले गुट को शुक्रवार को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को दिवंगत बालासाहेब ठाकरे (Bal Thackeray) द्वारा स्थापित अविभाजित शिवसेना (Shiv Sena) का ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था. इसके बाद उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की है, जिस पर बुधवार (22 फरवरी) को दोपहर साढ़े तीन बजे होगी.

संसद में शिवसेना का दफ्तर शिंदे गुट को मिला

चुनाव आयोग (Eleciton Commission) द्वारा एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को शिवसेना पार्टी दिए जाने के बाद शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर शिवसेना का कार्यालय शिंदे गुट को देने की मांग की थी. लोकसभा सचिवालय ने राहुल शेवाले को पत्र भेजकर शिवसेना पार्टी कार्यालय सौंप दिया है.

शिवसेना की कार्यकारिणी में होगा बड़ा फैसला

1999 में बाला साहेब ठाकरे (Bal Thackeray) द्वारा गठित शिवसेना (Shiv Sena) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शाखा प्रमुख से लेकर वरिष्ठ नेता तक सभी को बोलने का अधिकार दिया गया था, लेकिन उस कार्यकारिणी को 2018 में उद्धव ठाकरे ने भंग कर दिया और सभी अधिकारों को अपने पास बरकरार रखा था. आज की कार्यकारिणी की बैठक में उसी 2018 की कार्यकारिणी को निरस्त किया जाएगा और बाला साहेब ठाकरे के समय की तरह ही इस बार भी सभी नेताओं को बोलने का अधिकार दिया जाएगा.

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