India-Oman Relations / भारत-ओमान ट्रेड डील जल्द होगी लागू, इन सेक्टरों को मिलेगा बड़ा फायदा

भारत और ओमान के बीच 18 दिसंबर को हस्ताक्षरित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट जल्द ही लागू हो सकता है, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया। यह समझौता अगले तीन महीनों में ऑपरेशनल होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। ओमान ने भारत के 98% प्रोडक्ट कैटेगरी पर जीरो ड्यूटी की सुविधा दी है।

भारत और ओमान के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) जल्द ही वास्तविकता का रूप ले सकता है और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में घोषणा की है कि 18 दिसंबर को हस्ताक्षरित यह महत्वपूर्ण समझौता अगले तीन महीनों के भीतर ऑपरेशनल हो सकता है। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के लिए अभूतपूर्व अवसर। खोलेगा, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी और द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।

व्यापार समझौते की मुख्य बातें

इस समझौते के तहत, ओमान ने भारत को एक बड़ी व्यापारिक रियायत दी है और ओमान ने अपने 98 प्रतिशत प्रोडक्ट कैटेगरी पर शून्य आयात शुल्क लगाने पर सहमति व्यक्त की है। इसका सीधा अर्थ यह है कि भारत से ओमान को निर्यात किए जाने वाले लगभग 99. 38 प्रतिशत उत्पादों पर अब कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, क्योंकि वर्तमान में इन उत्पादों पर 5 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक का शुल्क लगता है। यह रियायत भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, जिससे उनके उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और ओमान के बाजार में उनकी पहुंच आसान होगी और यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो निर्यात-आधारित विकास को बढ़ावा देगा। यह ड्यूटी-फ्री सुविधा कई श्रम-आधारित सेक्टरों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी।

इनमें जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, प्लास्टिक, फर्नीचर, स्पोर्ट्स गुड्स, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग और फार्मा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। इन सेक्टरों में भारतीय उत्पादों को ओमान के बाजार में बिना किसी आयात शुल्क के प्रवेश मिलेगा, जिससे उनकी लागत कम होगी और वे अधिक आकर्षक बनेंगे। इससे न केवल भारत का निर्यात बढ़ेगा, बल्कि इन सेक्टरों में बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन होगा और यह समझौता भारत के विनिर्माण और कृषि क्षेत्रों को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने का एक सुनहरा मौका प्रदान करेगा।

संतुलित व्यापार की दिशा में कदम

यह समझौता केवल भारत के लिए ही फायदेमंद नहीं है, बल्कि यह ओमान के लिए भी महत्वपूर्ण लाभ लेकर आएगा। भारत भी ओमान से आने वाली लगभग 78 प्रतिशत प्रोडक्ट कैटेगरी पर आयात शुल्क में राहत देगा। यह रियायत ओमान से भारत में आने वाले लगभग 95 प्रतिशत आयात मूल्य को कवर करती है। इस तरह, यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को अधिक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी बनाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि दोनों देश एक-दूसरे के बाजारों तक आसान पहुंच का आनंद लें, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में समग्र वृद्धि होगी और यह एक ऐसा मॉडल है जो दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देता है।

निवेश के नए अवसर

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह समझौता निवेश के लिहाज से भी बड़े अवसर पैदा करेगा और उन्होंने बताया कि स्टील, ऊर्जा, शिक्षा और हेल्थ केयर जैसे सेक्टर ओमान में भारतीय कंपनियों के लिए निवेश के बड़े अवसर लेकर आएंगे। विशेष रूप से, ग्रीन स्टील, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया जैसे उभरते क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं, जो भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ओमान में बड़े लैंड बैंक की उपलब्धता संयुक्त निवेश परियोजनाओं की स्थापना को और भी आसान बनाएगी, जिससे भारतीय कंपनियां वहां अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित कर सकेंगी। इसके अतिरिक्त, मार्बल प्रोसेसिंग, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थ और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी निवेश की प्रबल संभावनाएं दिख रही हैं, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को गहरा करेंगी।

ओमान की कंपनियों की भारत में रुचि

यह केवल भारतीय कंपनियां ही नहीं हैं जो ओमान में निवेश के लिए उत्सुक हैं, बल्कि ओमान की कंपनियां भी भारत के साथ सहयोग के लिए उतनी ही उत्सुक हैं। एक ओमानी डेयरी कंपनी ने भारत की प्रसिद्ध अमूल के। साथ एक जॉइंट वेंचर में अपनी गहरी दिलचस्पी दिखाई है। यह भारत की मजबूत उपभोक्ता बाजार और विनिर्माण क्षमता में ओमान की कंपनियों के विश्वास को दर्शाता है। पीयूष गोयल ने ओमान की कंपनियों और वहां के सोवरेन वेल्थ फंड को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है, जिससे दोनों देशों के बीच पूंजी प्रवाह बढ़ेगा और आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे और विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेड डील भारत के निर्यात और रोजगार पर सकारात्मक असर डालेगी, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और अधिक मजबूत और टिकाऊ बनेंगे। यह समझौता एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहां। भारत और ओमान मिलकर आर्थिक समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ेंगे।