Vikrant Shekhawat : Oct 30, 2020, 07:30 AM
US presidential election: कोरोना वायरस के चलते भी अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार इस समय जोरो पर है। अमेरिका में इस वर्ष हो रहा राष्ट्रपति चुनाव देश के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव बनने जा रहा है। इस चुनाव में पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले दोगुनी राशि खर्च होने का अनुमान है। इस बार करीब 14 अरब डॉलर खर्च होने की उम्मीद है। शोध समूह द सेंटर फॉर रेस्पॉनसिव पॉलिटिक्स ने कहा कि मतदान से पहले के आखिरी महीने में राजनीतिक चंदे में भारी वृद्धि हुई है। इसकी वजह से इस चुनाव में जो 11 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, वह पीछे छूट गया है।शोध समूह ने कहा कि वर्ष 2020 के चुनाव में 14 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है, जिससे चुनाव में खर्च के पुराने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो रहे हैं। समूह के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास के पहले प्रत्याशी होंगे जिन्होंने दानकर्ताओं से एक अरब डॉलर की राशि प्राप्त की। उनके प्रचार अभियान को 14 अक्टूबर को 93.8 करोड़ डॉलर प्राप्त हुए हैं, जिससे डेमोक्रेट का रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हराने को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। वहीं, ट्रंप ने दानकर्ताओं से 59.6 करोड़ डॉलर का कोष चुनाव प्रचार के लिए जुटाया है। शोध समूह ने कहा कि महामारी के बावजूद हर कोई वर्ष 2020 के चुनाव में अधिक राशि दान कर रहा है, फिर चाहे वह आम लोग हों या अरबपति। समूह ने बयान में कहा कि इस बार महिलाओं ने दान देने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कोरोना को जल्द काबू में करने का झूठा वादा नहीं करूंगा: बाइडेन बाइडेन ने बुधवार को कहा कि वह कोविड-19 महामारी को पलक झपकते समाप्त कर देने का झूठा वादा नहीं करेंगे। उल्लेखनीय है कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महामारी पर कथित कुप्रबंधन के लेकर उनके निशाने पर हैं और उन्होंने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में वायरस को खत्म करने का वादा किया है। उन्होंने कोरोना से निपटने के ट्रंप के तरीके को पीड़ितों का अपमान करार दिया। बाइडेन ने डेलावेयर के विलमिंगटन में अपने भाषण में कहा कि अगर मैं जीत भी जाता हूं तो भी इस महामारी को खत्म करने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि मैं आपसे यह वादा करता हूं , हम पहले ही दिन से सही काम करना शुरू करेंगे।विदेश नीति के मामले में बाइडेन ज्यादा प्रभावी होंगे : सर्वेक्षणअंतररराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञों के एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि अगर बाइडेन 2020 का चुनाव जीतते हैं तो विदेशी सरकारें डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में अमेरिका के साथ सहयोग करने को अधिक इच्छुक होंगी। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के 708 विद्वानों के शिक्षण, शोध एवं अंतरराष्ट्रीय नीति (टीआरआईपी) सर्वेक्षण में पाया गया कि इन विशेषज्ञों के राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप की तुलना में बाइडेन का समर्थन करने की अधिक संभावना है। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वालों ने कहा विदेशी सरकारें ट्रंप के मुकाबले बाइडेन के चुनाव जीतने पर अमेरिका के साथ सहयोग करने को अधिक इच्छुक होंगी। उनमें से 92 फीसदी ने इस मामले में बाइडेन का समर्थन किया जबकि सिर्फ दो प्रतिशत लोगों ने ट्रंप का समर्थन किया। वहीं, 95 प्रतिशत विशेषज्ञ इस बात पर सहमत दिखे कि बाइडेन विदेश नीति के मामले में ज्यादा प्रभावी राष्ट्रपति होंगे। वहीं, केवल पांच प्रतिशत लोगों ने ही ट्रंप को इसके लिए सक्षम माना।प्रेस बाइडेन के खिलाफ गंभीर आरोपों को छिपा रहा है: ट्रंपट्रंप ने मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया कम्पनियों पर उनके बाइडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे अमेरिका में प्रेस के दमन जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। ट्रंप ने कहा कि मीडिया बाइडेन और उनके परिवार के खिलाफ नहीं लिखना चाहता। ट्रंप ने एरिजोना में बुधवार को कहा कि एक व्यक्ति है जो पकड़ा गया है और मीडिया उस बारे में लिखना नहीं चाहती। आपको पता है, इसे क्या कहते हैं प्रेस की स्वतंत्रता नहीं, बल्कि प्रेस का दमन। ट्रंप का इशारा जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की ओर था। न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी एक खबर में हंटर बाइडेन पर रूस, चीन और यूक्रेन से पैसे लेने का आरोप लगाया है।